दुर्लभ किन्तु उपलब्ध - असहज करने वाली, सच और मानवता की, सरोकार की पत्रकारिता! धमनियों में जब फ़र्ज़ का लोहा ख़ून बन कर दौड़ता है, सच का आईना दिखाता है, तो उम्मीद की मौत नहीं होती, सपने दफ़्न नहीं होते, दुनियाँ जीने लायक़ बनी रहती है! ज़िंदगी भर का सलाम इस बेख़ौफ़ आवाज़ को👏🙏🏾