ग्लेशियर नेशनल पार्क अमेरिकी राष्ट्रीय उद्यान है, जो कि कनाडा-संयुक्त राज्य अमेरिका की सीमा पर स्थित है। उद्यान संयुक्त राज्य के उत्तर-पश्चिमी मोंटाना राज्य में स्थित है और कनाडा की ओर अल्बर्टा और ब्रिटिश कोलम्बिया प्रांतों से सटा हुआ है। उद्यान दस लाख एकड़ (4,000 किमी2) से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें दो पर्वत श्रृंखला (रॉकी पर्वत की उप-श्रेणियाँ), 130 से अधिक नामित झीलें, 1,000 से अधिक विभिन्न पौधों की प्रजातियां और सैकड़ों वन्यजीवों की प्रजातियां शामिल हैं। इस विशाल प्राचीन पारिस्थितिकी तंत्र को जो कि 16,000 वर्ग मील (41,000 किमी2) में शामिल संरक्षित भूमि का भाग है, "क्राउन ऑफ़ द कॉन्टिनेंट इकोसिस्टम" के रूप में संदर्भित किया गया है। विस्तार में...
कालिंजर दुर्ग, भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के बांदा जिला स्थित एक दुर्ग है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विंध्य पर्वत पर स्थित यह दुर्ग विश्व धरोहर स्थलखजुराहो से ९७.७ किमी दूर है। इसे भारत के सबसे विशाल और अपराजेय दुर्गों में गिना जाता रहा है। इस दुर्ग में कई प्राचीन मन्दिर हैं। इनमें कई मंदिर तीसरी से पाँचवीं सदी गुप्तकाल के हैं। यहाँ के शिव मन्दिर के बारे में मान्यता है कि सागर-मन्थन से निकले कालकूट विष को पीने के बाद भगवान शिव ने यही तपस्या कर उसकी ज्वाला शांत की थी। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाला कतिकी मेला यहाँ का प्रसिद्ध सांस्कृतिक उत्सव है। भारत की स्वतंत्रता के पश्चात इसकी पहचान एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहर के रूप में की गयी है। वर्तमान में यह दुर्ग भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकार एवं अनुरक्षण में है।(विस्तार से पढ़ें...)
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन एक सैन्य एवं नागरिक उपकरण एवं संयंत्र निर्माणी है। भारत सरकार द्वारा सन १९५४ में सैन्य क्षेत्र की विशेष चुनौतीपूर्ण आवश्यकताऐं पूरी करने हेतु रक्षा मन्त्रालय के अधीन इसकी स्थापना की गई थी। इलेक्ट्रानिक उपकरण व प्रणालियों का विकास तथा उत्पादन देश में ही करने के उद्देश्य से इसका पहला कारखाना बंगलुरू में लगाया गया था, किन्तु आज यह अपनी नौ उत्पादन इकाईयों, कई क्षेत्रीय कार्यालय तथा अनुसन्धान व विकास प्रयोगशालाओं से युक्त सार्वजनिक क्षेत्र का एक विशाल उपक्रम है, जिसे अपने व्यावसायिक प्रदर्शन के फलस्वरूप भारत सरकार से नवरत्न उद्योग का स्तर प्राप्त हुआ है। बंगलुरू मे मुख्य नैगमिक कार्यालय तथा एक विशाल उत्पादन इकाई के अतिरिक्त अन्य उत्पादन इकाईयाँ गाजियाबाद, पंचकुला, कोटद्वार, हैदराबाद व मछलीपत्तनम, नवी मुंबई व पुणे, तथा चेन्नई में स्थापित हैं। विस्तार में...
भारत का राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच एक नीले रंग के चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है जिसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी। इसको १५ अगस्त१९४७ को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व २२ जुलाई, १९४७ को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक में अपनाया गया था। इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ है, जिनमें सबसे ऊपर केसरिया , बीच में श्वेत ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी है। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात २:३ का है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें २४ अरे होते हैं। इस चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है व रूप सम्राट अशोक की राजधानी सारनाथ में स्थित स्तंभ के शेर के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले की तरह होता है। विस्तार में...