Hindi News
यही कोई चार दशक पहले की बात है, 1984 के आम चुनाव में बिजनौर लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर गिरधारी लाल चुनाव जीतकर सांसद बने. लेकिन कुछ ही महीनों बाद उनकी मौत हो गई. इसकी वजह से सीट खाली हुई. चुनाव आयोग ने बिजनौर में उपचुनाव की घोषणा की. चुनावी मैदान में तीन दलित नेता आमने-सामने आ गए. जनता दल की ओर से रामविलास पासवान, बहुजन समाज पार्टी की युवा नेता मायावती और कांग्रेस की ओर से मीरा कुमार.
रामविलास पासवान तब तक दलित नेता के तौर पर उभरने लगे थे. मायावती साइकिल-साइकिल प्रचार कर खुद को दलित नेता के तौर पर पेश करने की जुगत में थीं. तो वहीं मीरा कुमार अभी-अभी विदेश में अपनी नौकरी छोड़कर भारत लौटी थीं. लेकिन उनके साथ एक तमगा था कि वो दलितों के बड़े कांग्रेस नेता जगजीवन राम की बेटी हैं.