रास�ते" पर "गति" की सीमा है,*
*"बैंक" में "पैसों" की सीमा है,*
*"परीक�षा" में "समय" की सीमा है,*
*परन�त�...!*
*हमारे "सोच" की कोई सीमा नहीं,*
*इसलि� "सदा" "श�रेष�ठ" "सोचें" और*
*"श�रेष�ठ" पां�*
🌹�!!जय श�री कृष�ण !!�🌹
🌺!!श�ठसंध�या वंदन !!🌺💞☕�