नताशा पेराकोव। यूक्रेन की पहली महिला शहीद। उसने अपने अंतिम क्षण तक रूसी सेना से लड़ाई लड़ी। उसने रूसी सेना का जमकर मुकाबला किया, युद्ध के मैदान को नहीं छोड़ा और अंत में अपने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हुए वह शहीद हो गई।
यूक्रेनी डाॅक्टरो की काबिलियत देखकर अभिभूत हूँ ।
15 साल मे मध्यप्रदेश के 8000 डाॅक्टर साहबो ने विदेश के महान संस्थानो और विश्व स्तरीय मेडिकल काॅलेजो से MBBS की डिग्री प्राप्त करी।
मगर MCI की स्क्रीनिंग यानि Foreign medical graduate test पास कर पाये केवल 348 डाॅक्टर बाबू।
अभी तक तो रूस ने असली युद्ध प्रारंभ नही किया है एक भी भीषण हमला नही किया। कीव के बाहर बैठा है, यूक्रेनी लोगों के साथ विदेशी नागरिकों और छात्रों को सुरक्षित रास्ता दे रहा है। फिर भी भारत के लोग ना जाने किस मीडिया को देखकर कैसे कैसे ख्याल बनाए हुए है।
परवेज़ मुशर्रफ़ ने बेनज़ीर भुट्टो के सामने कारगिल पर कब्ज़ा करने के लिए प्रस्ताव रखा, बेनज़ीर ने पत्रावली पर लिखा कि भले ही पाकिस्तान कारगिल पर कब्ज़ा कर ले पर उसे बनाये नहीं रख सकता और अनुमोदन से इन्कार कर दिया। बाद में नवाज़ शरीफ़ सरकार में मुशर्रफ़ ने यह एडवेंचर कर के देखा।
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यह दो लोग निश्चित ही आपके हमारे बीच के हैं आप इनको इग्नोर नही कर सकते इनकी मजम्मत करनी पड़ेगी यह ठाकुर /बाभन/ बनिया नही हो सकते बोलकर आप अपनी और अपनी जाति का बचाव करेंगे तो इसके परिणाम भयावह होंगे
लल्लू सेठ को पता है कि उसका दीवाला निकलने वाला है, इसलिये बंदा दुकान पर ताला मारकर निकल लिया और मकानमालिक का कई महीनों का किराया मार दिया ।
ससुरे खांग्रेसी बहुत लोमड़ी होते हैं ।
ये वही यूक्रेन के भारतीय छात्र है जो भारत सरकार द्वारा बार बार जारी की जा रही एडवाइजरी का मजाक बनाकर यूक्रेन से बाहर नहीं निकले,
लेकिन जब युद्ध छिड़ गया तो मोदीजी याद आने लगे।
नाटो और यूरोपियन संघ यूक्रेन का पक्ष ले रहे हैं। ये अलग बात है कि पास आने की हिम्मत उनकी भी नहीं हो रही।
लेकिन भारतीय मीडिया क्यों यूक्रेन के लिए अपनी चूड़ियां तोड़ रहा है।
किसने इन रुदालियों का भाड़ा भरा है...
राजस्थान भीलवाड़ा के रूपपुरा सरकारी स्कूल मे छात्रों को धर्म विरोधी किताब बांटने पर ग्रामीणों ने स्कूल पर ताला जड़ दिया। साथ ही विरोध प्रदर्शन करते हुए महिला टीचर को निलंबित करने मांग करने लगे। इसके बाद शिक्षा विभाग ने सिर्फ समझाइश करते हुए मामला रफा दफा कर किया।
लालू की चोरकटई का समय गया लेकिन भ्रष्टाचार की अवैध संतानें दम ठोंक रही हैं - बिहार के जातिवादी नागरिक न होते तो ऐसे मक्कारों की दुकान नहीं चलती।
सड़क के किसी भाषण में नहीं बोल रहा है, विधानसभा में बोल रहा है
आश्चर्य होता है जब हिंदुओं को ऐसे लोगों के साथ खड़े देखता हूं।
ऑस्ट्रेलिया में एटीएम हटा दिए गए हैं क्योंकि बैंक डिजिटल हो चुके हैं और जो नहीं हुए हैं वो भी अपना एटीएम का खर्चा बचाने के लिए डिजिटल की ओर बढ़ रहे हैं।
और यह सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में हो रहा हो ऐसा नहीं है यह समूचे विश्व में हो रहा है या फिर होने वाला है।
अच्छा आप ब्राम्हण है ?
" नाही हिंदू है "
अजीत अंजुम के बाद एक और पत्तलकार की धुलाई करता असहिष्णु हिन्दू
स्पष्ट संदेश है कि अभी तो जात पूछने पर हिन्दू बताया जा रहा है, अगर ये पत्तलकार सुधरे नहीं तो आगे दौड़ाया भी जा सकता है।
चीन के फॉरेन ऑफिस ने स्पष्ट कर दिया है कि वो अमेरिकी प्रतिबंधों को स्वीकार नहीं करेगा और रूस से पहले की तरह ही व्यापार चलता रहेगा।
कल पाकिस्तान ने भी रूस को समर्थन देने के संकेत दिए हैं और वेस्ट के दबाव के बावजूद उसके विरुद्ध वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
याद कीजिए, हमारे फाइटर पायलट अभिनंदन को चाय का मग थमाकर पाकिस्तान ने भी वीडियो जारी किया था।
ये द्विपक्षीय तनाव में खुद सही साबित करने के इमोशनल वैपन होते हैं। कल-परसों एक डिफेंस एक्सपर्ट टीवी पर कह रहे थे, युद्ध में सबसे पहले सच मारा जाता है।
इतनी तबाही के बीच में नफ़रत नहीं पैदा हुई है ये सबसे अच्छी बात है,
इस युद्ध के उन्माद के बीच एक रशियन सैनिक को यूक्रेन के लोगों ने पकड़ लिया, पहले उसे खाना खिलाया और फ़िरउसकी माँ से विडीओ कॉल पर बात करवाई और उसकी माँ को आश्वासन दिया कि आपके बेटे को कुछ नहीं होगा।
रसियन एंबेसी ने दावा किया है कि यूक्रेनी सिक्योरिटी फोर्स भारतीय छात्रों को ह़्यूमन शिल्ड की तरह इस्तेमाल करके उन्हे रशिया जाने से रोक रही है!
यूक्रेन ने हमेशा भारत विरोधी हरकतें की है आज भी वो वही कर रहा है और उम्मीद कर रहा कि भारत वैश्विक मंच पर उनका साथ दे।
विदेश मंत्रालय का कहना है कि मोदी जी और पुतिन की बातचीत में पुतिन ने बताया कि यूक्रेन भारतीय छात्रों को ह्यूमन शील्ड बना रहा है। गर मंत्रालय सही कह रहा है तो सुबह सुबह भारत की एयरफोर्स यूक्रेन में क्यों नही होनी चाहिए? यह बेहद खतरनाक संकेत हैं।
EU संसद में बड़ी बड़ी डींगे हांक रहे थे जेलेंस्की।
उनके साहसी भाषण पर तालियां पीटी जा रहीं थी।
पूरा पश्चिम मिलकर उन्हें चने के झाड़ पर चढ़ा रहा था। तो अपने दम पर लड़िए जेलेंस्की साहब। भारतीय बच्चों को बंधक बनाकर उनके पीछे क्यों छिप रहे हैं किसी गुमनाम जगह में ?
रुस ने भारतीय मीडिया की गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग को लेकर चेताया है। रुसी मीडिया कल ये भी बताया कि यूक्रेन भारतीय छात्रों को बंधक बनाए बैठा है। लेकिन यह सच्चाई भारतीय मीडिया द्वारा हमें अबतक नहीं बताई गई है।
विश्व मे नई खेमेबंदी हो रही है, इसका प्रमाण है ब्लादिमीर पुतिन की ये वीडियो। जिसमे वो खुलकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की न केवल धज्जियां उडा रहे हैं बल्कि गिलगित बाल्टिस्तान पर भारत के क्लेम का समर्थन भी कर रहे हैं।
लिब्रांडु मीडिया और वामपंथियो की इसीलिए रूस से सुलगी पड़ी है।