बड़े दुख की बात है कि आजादी के तुरंत बाद मालवीय जी को भारत रत्न मिल जाना चाहिए था।
जब 2014 में उनको भारत रत्न मिला तब काफी लोगों ने कहा कि भारत रत्न की जरूरत नहीं थी, 'महामना' ही उनके लिए बहुत बड़ी उपाधि थी, जो स्वयं रवीन्द्रनाथ ठाकुर और महात्मा गांधी जी ने दी थी।