Please enable javascript.Rajasthan News: nagaur mei beti ke janam ki khushi helicopter se laye ghar : 35 साल बाद हेलीकॉप्टर से घर आई 'सिद्धी' ,दादा ने फसल बेचकर मनाया ऐसा जश्न, सोचकर भी होगी हैरानी - Navbharat Times
| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Apr 22, 2021, 7:06 PM

Video : 35 साल बाद हेलीकॉप्टर से घर आई 'सिद्धी' ,दादा ने फसल बेचकर मनाया ऐसा जश्न

नागौर
देश- प्रदेश में जहां 21 वीं सदी में भी बेटियों को बोझ समझा जाता है। वहीं बाल-विवाह, लड़कियों की अशिक्षा जैसे कई कुरीतियों के बीच राजस्थान के नागौर में एक मिसाल पेश की गई है। दरअसल नागौर जिले के कुचेरा क्षेत्र में एक छोटा सा गांव निम्बड़ी चांदावता है। इस गांव में एक सामान्य किसान परिवार ने अपने घर में जन्मी बेटी ऐसा जश्न मनाया कि आप भी इसे जानकर खुश हो जाएंगे। कोरोना संकट काल में बेटी के सम्मान की यह खबर अनायास की आपको भी गौरवान्वित महसूस करवाएगी।

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35 साल बाद घर में जन्मी बेटी
दरअसल नागौर के किसान मदन लाल प्रजापत के घर 35 साल बाद एक बेटी का जन्म हुआ, जो उनकी पोती सिद्धी है। इसी जन्म की खुशी को पूरे परिवार ने अनूठे अंदाज में मनाया है। मिली जानकारी के अनुसार बेटी को अपने ननिहाल से हेलिकॉप्टर में घर लाया गया है। इतना ही नहीं यहां हेलीपैड से लेकर घर तक रास्ते में गांव वालों ने बच्ची के सम्मान में फूल बिछाए गए। इसके लिए बाकायदा 10-12 दिन पहले से तैयारियां शुरू हो गई थीं।


नवमी के दिन करवाया गया गृहप्रवेश
बताया जा रहा है कि बेटी के पिता हनुमान प्रजापत और पत्नी चुका देवी बेटी को अपने ननिहाल से हैलीकॉप्टर से लेकर आए। वहीं बुधवार को पहली बार दुर्गानवमी के मौके पर उसका घर में प्रवेश करवाया गया। बच्ची का जन्म उसके ननिहाल हरसोलाव गांव में तीन मार्च को हुआ था।

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गाजे- बाजों से मनाया उल्लास
बताया जा रहा है कि गांव में अपने दादा के घर पहुंचने के बाद सृष्टि का बेहद भव्य स्वागत किया गया। हेलीपैड स्थल से लेकर घर तक पूरे रास्ते में फूलों की वर्षा हुई। वहीं बैंड-बाजों (गाजे- बाजों ) के साथ उसका स्वागत सत्कार भी किया गया।


पूरा परिवार लेने पहुंचा था नवजात बिटिया को
मिली जानकारी के अनुसार नानी के घर से बिटिया सृष्टि को पिता हनुमानराम, फूफा अर्जुन प्रजापत, हनुमान राम के चचेरे भाई प्रेम व राजूराम पहुंचे थे। सुबह 9 बजे हेलिकॉप्टर में बैठकर सभी निम्बड़ी चांदावता से बच्ची के ननिहाल हरसोलाव पहुंचे। वहीं वहां से बिटिया को लेकर दोबारा घर की ओर रवाना हुए। इसी तरह दोपहर 2.15 बजे हेलिकॉप्टर से बिटिया अपने दादा के घर पहुंची। जहां इसके बाद सभी रस्में निभाई गई।