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Kanpur news: चाचा-भतीजे के बीच बढ़ रही नजदीकियां... कानपुर-बुंदेलखंड में बीजेपी के मजबूत किले को भेदने की तैयारी

Edited by Lipi | Updated: Aug 14, 2021, 3:16 PM
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प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव जानते हैं कि पार्टी तो बना ली है, लेकिन पार्टी अभी इस स्थिति में नहीं है कि अकेले चुनाव लड़ सके। एसपी मुखिया अखिलेश यादव जानते हैं कि चाचा शिवपाल यादव बेहतरीन चुनावी रणनीतिकार हैं।

 
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सुमित शर्मा, कानपुर
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कुछ नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं। राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ सियासी बिसात बिछाने में लगी हैं। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही चाचा-भतीजे एक बार सुर्खियों में हैं। चाचा-भतीजे के बीच पारिवारिक मतभेद खत्म होने के संकेत मिल रहे हैं। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं, जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां परेशान और हैरान हैं। चाचा-भतीजे मिलकर कानपुर-बुंदेलखंड के बीजेपी के सबसे मजबूत किले को भेदने की तैयारी भी बना रहे हैं।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव को राजनीति का माहिर खिलाड़ी माना है। शिवपाल सिंह यादव जानते हैं कि पार्टी तो बना ली है, लेकिन पार्टी अभी इस स्थिति में नहीं है कि अकेले चुनाव लड़ सके। इसलिए शिवपाल यादव एसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं। प्रसपा मुखिया पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि पार्टी एसपी के साथ गठबंधन कर सकती है, लेकिन विलय नहीं करेगी।

बीजेपी को नहीं देना चाहते हैं मौका
एसपी मुखिया अखिलेश यादव जानते हैं कि चाचा शिवपाल यादव बेहतरीन चुनावी रणनीतिकार हैं। पारिवारिक मतभेद का फायदा बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में उठाया था। अखिलेश यादव बीजेपी को ये मौका 2022 विधानसभा चुनाव में नहीं देना चाहते हैं। पारिवारिक मतभेदों को भूलकर चाचा-भतीजे नई सियासी पारी खेलने की योजना तैयार कर रहे हैं।

यूपी की सियासत पर चर्चा
सूत्रों के मुताबिक शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया है। जानकारी के मुताबिक दोनों के बीच यूपी की सियासत पर कई बार फोन पर लंबी चर्चा हो चुकी है। पांच साल बाद चाचा-भतीजे एक मंच पर नजर आ सकते हैं। इस बात के भी संकेत मिल रहे है कि अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल से उनके प्रभाव वाली सीटों की लिस्ट मांगी है। चाचा-भतीजे की ये जोड़ी विधानसभा चुनाव में कुछ नया करने वाली है।

बीजेपी के मजबूत किले को भेदने की तैयारी
एसपी और पीएसपी मिलकर बीजेपी के सबसे मजबूत किले को भेदने की तैयारी कर रहे हैं। कानपुर-बुंदेलखंड बीजेपी का सबसे किला है। बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कानपुर-बुंदेलखंड की 52 में 47 सीटों पर कमल खिलाया था। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कानपुर-बुंदेलखंड की 10 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इन दोनों ही चुनावों में एसपी अपना गढ़ भी नहीं बचा पाई थी।

चाचा-भतीजे की जोड़ी कार्यकर्ताओं में भरेगी जोश
विधानसभा चुनाव 2022 में चाचा-भतीजे अपना गढ़ बचाने के साथ कानपुर बुंदेलखंड के लिए अलग रणनीति तैयार कर रहे हैं। चाचा-भतीजे की जोड़ी कार्यक्रताओं में जोश भरने का काम करेगी। प्रसपा के प्रदेश सचिव और जिलाध्यक्ष आशीष चौबे का कहना है कि यदि दोनों दल एक साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ते हैं तो सभी विपक्षी दलों को अपनी चुनावी रणनीति बदलनी पड़ जाएगी। निश्चित ही यूपी में हमारे गठबंधन की सरकार बनेगी।

akhilesh shivpal
अख‍िलेश यादव, शिवपाल यादव (फाइल फोटो)
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Web Title : akhilesh yadav and shivpal yadav ready to join hands to fights against bjp in kanpur bundelkhand
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