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  1. स्वस्थ हों, तो यथासंभव घर से बाहर न जाएं, इतना माना । लेकिन बीमार हों तो जब तक जरूरी न हो, अस्पताल न जायें ? यह बात अटपटी है। ऐसे गंभीर हालात के बीच किसी मामूली सी वजह से या सैर सपाटे को अस्पताल काहे जाएगा सर ?

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  2. जातिवादी तराज़ू से रचनात्मकता तौलना बचपना है। बतौर साहित्य कृति, सारा आकाश बेहतरीन कृति है, लेकिन फ़िल्म के रूप में नहीं खिल सकी। शिवानी की कृति कृष्णकली पर अमोल पालेकर ने भी दूरदर्शन के लिए जो सीरियल बनाया रसहीन था। फ़िल्म माध्यम में सत्साहित्य कभी कभी ही सफलता से उतर पाता है।

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  4. "Gods, ascetics, men, Gandharvas, Kinnaras all sang till exhausted, but failed to gauge the limitless possibilities and varieties of Sound ." (A 500 year old Dhrupad Bandish.) Rajat Sharma seems to hv managed it in National Interest, in sad sad Age of Covid.! 🙌🙌

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  6. जाने माने लेखक दंपति,राजेन्द्र यादव और मन्नू भंडारी के उपन्यासों पर फ़िल्में बनाने वाले वेअकेले निर्देशक थे। मन्नू जी के उपन्यास रजनीगंधा पर बनी फ़िल्म हिट रही, पर राजेंद्र जी का 'सारा आकाश' दर्शक नहीं बटोर पाई । यह प्रमाण है कि सफल फ़िल्म के लिए साहित्य में प्रसिद्धि नाकाफ़ी है।

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  7. केहि समुझावौ सब जग अंधा इक दु होय उन्हें समुझावौं सबहि भुलाने पेट के धंधा।.. घर की वस्तु नजर नहि आवत दियना बारि के ढूॅंढ़त अंधा लागी आगि सबै बन जरिगा बिन गुरुज्ञान भटकिगा बंदा। कहै 'कबीर' सुनो भाई साधो जाय लंगोटी झारि के बंदा ।।

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  8. जंगल कहाँ होंगे? शहर की सड़कों के किनारे के पेड़ों में होंगे सड़क के पेड़ों के नीचे सोते हुए आदिवासी परिवार के सपने में एक सल्फी का पेड़ और बस्तर की मैना आती है एक बूढ़ा है स्वप्न देखते हुए आज स्वप्न की एक सूखी टहनी से उसकी आँख फूट गई -विनोद कुमार शुक्ल

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  10. हज़ारी प्रसाद जी ने समझाया था,पाण्डे का मूल है संस्कृत, पण्डा, जो प्रज्ञा यानी बुद्धि शब्द से निकला है (प्रज्ञा मध्यकालीन अपभ्रंश में बना प्रञां)।जब लोक में संस्कृत ज्ञान मिट चला तब वह संस्कृत पंडित जो शास्त्रीय विधि से कर्म करवाये पंडा या पाण्डे, या पाण्डे का जाया पांडेय कहलाया

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  11. Jun 4

    बच्चों को न सुनाने लायक एक बालकथा:  मृणाल पाण्डे

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  12. Jun 4

    बात चली है।अच्छा लगा। शाखा यानी डाली। मृग, हिरन की तरह सभी तरह के शाकाहारी जीव । पेड़ों की शाखा से शाखा पर कूदाकादी करनेवाले बंदर कहलाए शाखामृग । और शब्दों के सफ़र से कालांतर में फ़ारसी उशतुर मुर्ग यानी शुतुरमुर्ग बना, यानी चारा खाने वाला पक्षी।

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  13. Jun 4

    Way back in 4th CEC, the Buddha had said this Janpad of Magadh had everything going for it, but wd always be vulnerable to 3 things: floods, fire and fraternal infighting.

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  14. Jun 3

    हिंदुत्व विरोध: हिंदू विरोधो न भवति..

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  15. Jun 3

    खीरा सर से काटिए, रखिए नमक लगाय, रहिमन कड़वे मुखन को चहियत यहै सजाय।।

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  16. Jun 3

    तो बेटा ध्यान ठीक से लगाना सीख लो। मैला अंत: करण साफ़ करने में तनिक अधिक कोशिश करनी पड़ती है। पर हनुमान जी ने चाहा तो शीघ्र लाभ होगा।

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  17. Jun 3

    अरे हनुमानजी के उपासकों को बंदर के नाम से ऐसी उत्कट विरक्ति ?

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  18. Jun 3

    मायके की ऊंच नीच पर बाहर ब्याही बेटियां काहे हमेशा नज़र रखती हैं बच्चा, यह भेद तुम लड़के नहीं समझोगे। हां, लगे हाथों तुमको भी बता दूं कि 'मैं' और 'में' के बीच अंतर होता है। यहां में लिखना सही होता। में को मैं लिख कर टांग सही तरह नहीं अड़ा पाओगे।

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  19. Jun 3

    लॉकडाउन को लोकडाउन कहना ही उचित है । वजह यह, कि यह लोकडाउन देश में लोक यानी जनता के लिए आर्थिक से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा और उत्पादन तक तरक्की की हर दर बुरी तरह डाउन कर चुका है। इसके बावजूद अगर कुछ बच्चे अच्छा कर रहे हैं उनकी तारीफ करनी चाहिए।

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  20. Jun 3

    बिल्कुल । सरकार ठस्स नहीं, ठरकी भी नहीं, जनता को ठोंकने, ठेस पहुंचाने वाली, उसको ठनठनगोपाल बना कर ख़ुद ठिलठिलाने वाली भी नहीं । बस ठोस होनी चाहिए !!

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