समांतर

हादसों का पहाड़

बरसात के मौसम में हर साल पहाड़ों पर ऐसे हादसे हो जाते हैं। मगर पिछले कुछ सालों से जिस प्रकार बादल फटने और पहाड़ों...

समाज की छवियां

भोजपुरी गायक गुड्डू रंगीला अपने द्विअर्थी गीतों की वजह से काफी बदनाम रहे हैं। फिल्म निर्देशक सुभाष कपूर की हाल ही में आई फिल्म...

प्रतिबद्धता के संगम

कवि, कथाकार, नाटककार, ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता, अपने देशकाल पर सजग और चौकस निगाह रखने और अपने सृजन से सार्थक हस्तक्षेप करने वाले बुद्धिजीवी परेश...

गुनाह के चेहरे

अदालत में आखिरी दया याचिका खारिज होने के बाद से ही याकूब मेमन के लिए फांसी का फंदा तैयार करने की खबरें अखबारों और...

न्याय की गति

लोकतंत्र का जिन चार खंभों पर टिका होना माना गया है, उनमें से प्रथम दो, कार्यपालिका और विधायिका जिस गत को हासिल हो रहे...

किसकी सरकार

सुनील अमर विशिष्ट परिस्थितियों के कारण अब तक देश में चार बार प्रबल बहुमत की सरकारें बन चुकी हैं। ऐसी पहली सरकार 1971 में...

अकेलेपन का घेरा

जयंत जिज्ञासु इंसान जन्म लेता है, मां की गोद से उतर कर चलना सीखता है, फिर जवान होकर वृद्धावस्था तक पहुंचता है और आखिरकार...

सृजन बनाम नियति

रामप्रकाश कुशवाहा मनुष्य ने राजनीति का जो तंत्र विकसित किया है, उस पर भी न्यूटन के गति जड़त्व के नियम लागू होते हैं। जैसे...

विज्ञान बनाम चेतना

निशांत सिंह नारायण मूर्ति का हाल ही में आया बयान काफी हद तक ठीक है कि पिछले कई दशकों में भारत में कोई बड़ी...

कामयाबी बनाम चुनौती

अशोक कुमार संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम और फिल्म ‘गब्बर इज बैक’ के प्रदर्शन का वक्त थोड़ा ही...

हैसियत की सत्ता

सफलता तो अन्य परीक्षाओं में भी लोगों को मिलती हैं, लेकिन वे व्यक्तिगत उपलब्धियों तक ही सीमित हो जाती हैं। फिर सिविल सेवा में...

लेह में सिनेमा

लेह (लद्दाख) की खूबसूरती को हिंदी की कई फिल्मों में उतारा गया है, वह चाहे ‘जब तक है जान’ हो या ‘थ्री इडियट’। ‘थ्री...

कुल्फी वाले प्यारेलाल

सचमुच वे प्यारेलाल ही हैं। लंबा-चौड़ा कद, हमेशा हंसता-मुस्कराता चेहरा। तीखी और कड़क आवाज- ‘मलाई… कुल्फी’। मिनट भर में ढेरों बच्चे उनके आसपास- ‘अंकल...

मानव पूंजी का माजरा

आतिफ़ रब्बानी सेहतमंद और सुशिक्षित नागरिक ही किसी देश के विकास की जमानत होते हैं। अर्थशास्त्र की शब्दावली में इसे मानव पूंजी कहा जाता...

शुचिता की कसौटी

ओडिशा में धरती यानी ‘भूदेवी’ भी तीन दिनों के लिए ‘रजस्वला’ होती है तो राज्य में कृषि से संबंधित सभी कामकाज को पूरी तरह...

भाषा बहता नीर

पिछले दिनों पूर्वी दिल्ली नगर निगम के उर्दू शिक्षकों के लिए टेक महिंद्रा फाउंडेशन में तीन दिवसीय उर्दू शिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।...

भोजन माता का दुख

सरकारी विद्यालयों में जहां मध्याह्न भोजन की व्यवस्था है, वहां कोई न कोई महिला भोजन बनाती है। वह महिला स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों...

विपरीत ध्रुव

अनूप शुक्ला इस बार सिविल सेवा परीक्षा में चार लड़कियों के अव्वल आने की खबर के साथ-साथ उनके साक्षात्कार भी सुने। यह भी पता...