बेबाक बोल

बेबाक बोलः दुर्योधन का द्वंद्व

पौराणिक आख्यानों के स्याह चरित्रों ने इतिहास और संस्कृति को अपनी तरह से प्रभावित किया है। महाभारत की विशेषता है कि इसमें खलनायक के...

बेबाक बोलः अभि हूं मैं

आज के समय में महाभारत के किरदारों से संवाद करते हुए जब हम अभिमन्यु से टकराते हैं तो उसकी हत्या हमें उद्वेलित करती है।...

बेबाक बोलः नायकार्जुन

अर्जुन महाभारत के आधिकारिक नायक हैं। कृष्ण गीता का उपदेश देने के लिए उन्हें ही चुनते हैं। कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन की मनुष्यता,...

बेबाक बोलः प्रण और रण

महाभारत काल के समाज में कई तरह के प्रयोग हो रहे थे। इन्हीं प्रयोगों का परिणाम है द्रौपदी का असाधारण किरदार। पौरांिंणक आख्यानों में...

बेबाक बोलः कोरोना में कर्ण

आज जो सबसे बड़ा संकट मनुष्यता के सामने खड़ा है वह है पहचान का संकट। इस खंडित दौर में खुद को पहचानने का संकट।...

बेबाक बोलः संक्रमण काल

इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक में कोरोना विषाणु ने दुनिया के नियम बदल दिए। हमारे यहां दंतकथा की तरह सुनाया जाता था कि विदेशों...

बेबाक बोलः कुनैन कथा

कोरोना विषाणु ने जब दवा और दुुआ दोनों को अशक्त साबित कर दिया, धर्म और विज्ञान के पास भी सामाजिक अलगाव के सिवाय कोई...

बेबाक बोलः मरकज-ए-मरघट

‘वो हमें रोकने और अलग करने की कोशिश कर रहे हैं। वो हमसे कह रहे हैं कि एक जगह इकट्ठा न हों। वो हमें...

बेबाक बोलः कुछ को’रोना

कुछ समय पहले एक समाचार प्रस्तोता ने आंखों के आंसू पर काबू पाते हुए अपने पति की मौत की खबर पढ़ी और हम सब...

बेबाक बोल : विश्वाणु

बाजार के स्तर पर एक हुई दुनिया की गति कोरोना के विषाणु ने मंद कर दी तो अहसास हुआ कि पूंजी के वैश्वीकरण के...

बेबाक बोलः सिंधिया विच्छेद

ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा नेता होने के बाद राहुल गांधी ने मीडिया के सामने विचारधारा की लड़ाई की बात तो कही। लेकिन यह कांग्रेस...

राजकाज: बेबाक बोल- दर्जा ना-उम्मीद

एक मां कह रही थी कि दंगाइयों से बचने के लिए भागने से पहले बेटी की स्कूल की वर्दी उठा ली थी। जले स्कूलों...

बेबाक बोलः आप को श्रद्धांजलि

दिल्ली में अभी सबसे पहली जरूरत शांति और सौहार्द की है। और उसके लिए जो बन पड़े हम सबको करना है। कौन जिम्मेदार है,...

राजकाज: बेबाक बोल- बिहार एक प्रयोग

बिहार राजनीतिक संभावनाओं का खुला मैदान है आज। नीतीश कुमार के चेहरे को चुनावी रंग-रोगन की जरूरत है तो एक समय दलित, ओबीसी और...

बेबाक बोल: बाग बाग बिरयानी

दिल्ली में कांग्रेस के सामने सत्ता की प्लेट नहीं है और वह बहुत दिनों से भूखी है।

बेबाक बोल: शाही पैमाना

भाजपा की बहार का मौसम शहर-शहर गांव-गांव में बन उठे शाहीन बाग में पतझड़ की याद दिला रहा है।

बेबाक बोल: दिल्लीनामा-2020

पूर्ण राज्य और अन्य केंद्रीय मुद्दों को छोड़ बिजली-पानी और शिक्षा पर बात हो रही है। एक-दूसरे के खिलाफ आक्रामक खेल को छोड़ अब...

राजपाट: ईमानदारी का सिला

जिन पांच आइपीएस अफसरों के भ्रष्टतंत्र और लखनऊ के सत्ता गलियारों में पहुंच का वैभव कृष्ण ने अरसे पूर्व गोपनीय पत्र लिख खुलासा किया...