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उत्तर प्रदेश

बुधवार, 1 अप्रैल 2020

जल्द ही आगरा में हो सकेगी कोरोना वायरस की जांच, एसएन मेडिकल कॉलेज में तैयारी पूरी

कोरोना वायरस से जंग के बीच आगरा के लिए राहत भरी खबर है। सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज (एसएन मेडिकल कॉलेज) में कोरोना वायरस जांच की सुविधा जल्द ही शुरू होने वाली है। यहां माइक्रोबायलॉजी विभाग की वायरोलॉजी लैब में इसकी पूरी तैयारी हो गई है। शासन से जांच किट उपलब्ध करवाने की मांग के साथ अनुमति मांगी गई है। 

एसएन मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में चार साल पहले से स्वाइन फ्लू के वायरस के जांच की सुविधा है। अभी यहां से कोरोना वायरस की जांच के लिए गए नमूने किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) लखनऊ भेजे जा रहे हैं। 

लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए कोरोना की जांच की सुविधा एसएन में भी करने की तैयारी चल रही हैं। वायरोलॉजी लैब आठ मंजिला इमारत में है। यहां के स्टाफ को ट्रेनिंग होना बाकी है। इसके लिए किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों से कॉलेज प्रशासन की बात हो गई है। शासन की अनुमति मिलने के बाद केजीएमयू के विशेषज्ञ ट्रेनिंग देने के लिए आएंगे। 
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अपराजिताः खाकी का फर्ज और घर की जिम्मेदारी, लॉकडाउन में 15 घंटे की ड्यूटी पर महिला पुलिसकर्मी

एक तरफ घर में बच्चों और मां-बाप का ख्याल रखना है तो दूसरी तरफ खाकी का फर्ज निभाना है, महिला पुलिसकर्मी दोनों ही जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। लॉकडाउन में महिला होमगार्ड से लेकर निरीक्षक तक को 12 से 15 घंटे ड्यूटी करनी पड़ रही है। शहर और देहात में अलग-अलग स्थानों पर महिला पुलिसकर्मियों की भी ड्यूटी लगाई गई हैं। हर चौराहे पर यह पुलिसकर्मी लोगों की मदद कर रही हैं। उन्हें खाना खिलाने से लेकर संक्रमण से बचाव के बारे में जागरूक कर रही हैं। महिलाओं और बच्चों को भी समझाती हैं। घर जाने पर संक्रमण से बचने का ख्याल रख रही हैं। अपने बच्चों, मां-बाप, सास-ससुर, भाई और बहन से लेकर दोस्त और रिश्तेदारों को इस महामारी से बचाव के बारे में समझाती हैं। अगली स्लाइड्स में पढ़िए पूरी खबर...  
 
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कोरोना वायरस से बचाव के लिए घरों को करें सैनिटाइज, आईएमए अध्यक्ष ने बताई आसान विधि

यूपी में मिले सात नए कोरोना पॉजिटिव, 103 पहुंची संख्या, बाहर से आने वाले रहेंगे क्वारंटीन में

नोवेल कोरोना वायरस संक्रमित सात नए मरीज मंगलवार को भी सामने आए। इनमें से पांच बरेली के हैं और वहीं भर्ती हैं। इनके नमूनों की जांच केजीएमयू लखनऊ में हुई थी। सभी पॉजिटिव क्लोज कांटैक्ट वाले हैं। इसके अलावा नोएडा और गाजियाबाद का एक-एक मरीज सामने आया है। 

प्रदेश में इसी के साथ कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़कर 103 हो गई है। नोएडा में अब 39 पॉजिटिव हो गए हैं। दूसरे नंबर पर 19 मरीजों के साथ मेरठ है और तीसरे नंबर पर 11 पॉजिटिव मरीजों के साथ आगरा है। लखनऊ में नौ, गाजियाबाद में आठ, मेरठ में छह, पीलीभीत-वाराणसी में दो-दो, लखीमपुर खीरी, मुरादाबाद, कानपुर, जौनपुर, शामली बागपत, बरेली, बुलंदशहर में एक-एक पॉजिटिव व्यक्ति मिल चुका है। 

मुख्यमंत्री का आदेशः बाहर से आए हर व्यक्ति को शेल्टर होम में करें क्वारंटीन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए पिछले तीन दिनों में अन्य राज्यों से आए लोगों को उनके गांवों में भेजने से पहले जिला स्तर पर स्थापित शेल्टर होम्स में क्वारंटीन करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए लागू लॉकडाउन व्यवस्था की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। 

मुख्यमंत्री ने कहा है कि अन्य राज्यों से आए लोगों को उनके गांवों में भेजने से पहले क्वारंटीन करने के लिए विद्यालयों, सामुदायिक केंद्रों को शेल्टर होम में बदला जाए और वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाए। शेल्टर होम में भोजन, पानी, दवा की पूरी व्यवस्था की जाए। वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम लगाई जाए तथा रखे गए लोगों की नियमित थर्मल स्कैनिंग की जाए। उन्होंने लॉकडाउन व्यवस्था को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने और पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने का निर्देश दिया। 

हर जिले में प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति के फरमान
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अलावा एक वरिष्ठ अधिकारी को प्रभारी बनाकर तैनात करने का निर्देश दिया है। यह अधिकारी संबंधित जिले में कैम्प करेगा। इस अधिकारी के साथ एक टीम की भी नियुक्ति की जाएगी। नियुक्त अधिकारी व टीम का समुचित प्रशिक्षण देकर सभी उपकरणों से युक्त किया जाए। 
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एक्शन में है सरकार... एक्शन में है सरकार...

कोरोना वायरस: मेरठ के लिए अच्छी खबर, 19 सैंपल्स की हुई जांच, सभी निगेटिव

मेरठ के लिए अच्छी खबर है। लगातार बढ़ रही कोरोना के मरीजों की संख्या मंगलवार को ठहर गई। शहर में कल 19 सैंपल्स की जांच हुई जो कि सभी निगेटिव पाई गई हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है। हालांकि इससे पहले मेरठ में 19 लोगों को कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हो चुकी है। इन सभी को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया हुआ है। जहां उनका उचपार किया जा रहा है।

मेरठ में अब तक 128 जांच हुई हैं। इनमें से 19 पॉजिटिव केस मिले हैं, जबकि 109 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। हालांकि मंगलवार को सभी रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं जिससे स्वास्थ्य विभाग को बड़ी राहत मिली है। 

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लॉकडाउन में ऐसे हैं जिले के हालात, छलका महिला का दर्द, दिव्यांग को भी नहीं मिल रहा सहारा, तस्वीरें

वहीं सोमवार को 382 टीमों द्वारा 24 क्षेत्रों में 49661 घरों का भ्रमण कर 265189 लोगों की आबादी का सर्वे किया गया था। जिसमें पांच संदिग्ध व्यक्तियों को सुभारती मेडिकल कॉलेज और 310 व्यक्तियों को होम क्वारंटीन में रखा गया था। सोमवार को कुल 17 सैंपल्स की जांच की गई थी। जिनमें छह मरीज मिले थे। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस- प्रशासन अभी उन लोगों की तलाश में जुटा हुआ है। जो इन मरीजों के संपर्क रहे हैं।

मेरठ में ऐसे फैला कोरोना
अधिकारियों का कहना है कि खुर्जा के रहने वाले शख्स द्वारा महाराष्ट्र से आकर मेरठ में रहने के दौरान यह वायरस फैला है।

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कोरोनाः पुलिस-प्रशासन की बड़ी चूक, राहत शिविरों से भाग निकले 209 लोग

प्रवासी कामगारों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में पुलिस प्रशासन की बड़ी चूक सामने आई है। यहां खान-पान से लेकर सुरक्षा में बदइंतजामी देखने को मिली। सोमवार रात दो शिविरों से 209 लोग भाग निकले और किसी को भनक तक नहीं लगी। मामला लोधा व अकराबाद क्षेत्र में लगे शिविरों का है। प्रवासियों के भागने की खबर से प्रशासन में खलबली मची है। वहीं इलाका पुलिस सफाई देने में जुटी है। यदि इनमें कोई संक्रमित हुआ तो यह स्थिति विस्फोटक होगी।

लॉकडाउन के चौथे दिन दिल्ली-एनसीआर से मजदूरों का पलायन केंद्र व राज्य सरकारों के लिए बड़ी समस्या बनकर उभरा। 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही बड़े पैमाने पर लोगों ने घरों की ओर पलायन शुरू कर दिया था। वाहन नहीं मिले तो लाखों लोग पैदल ही निकल पड़े। नतीजा यह हुआ कि सरकार की सोशल डिस्टेंसिंग की प्लानिंग चौपट होने लगी। इसलिए आनन-फानन पलायन को रोकने की योजना बनाई गई। राज्य सरकारों को राजमार्गों से सटे इलाकों में राहत शिविर बनाने के निर्देश दिए गए। अलीगढ़ के लोधा क्षेत्र स्थित गगन स्कूल तथा अकराबाद के जिरौली हीरा सिंह रोड स्थित हबीब खान इंटर कॉलेज में राहत शिविर बनाए थे।

सोमवार को पुलिस ने हाईवे पर दिल्ली की ओर से आ रहे लोगों को इन शिविरों में भेजना शुरू किया था। अकराबाद स्थित राहत शिविर में 160 प्रवासी कामगारों को ठहराया गया था, लेकिन मंगलवार सुबह तक यहां एक भी व्यक्ति नहीं मिला। शिविर सेवा में लगे एक व्यक्ति ने किसी भी तरह की जानकारी से इंकार किया। चौकीदार भी कुछ नहीं बता सके। एसओ सुनील कमार ने कहा कि अधिकतर मुसाफिर आसपास जिले के रहने वाले थे, इसलिए वे चले गए।

यही स्थिति लोधा स्थिति शिविर की रही। यहां दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा व गाजियाबाद से आए 49 लोगों को ठहराया गया था। सुरक्षा के लिए यहां इलाका पुलिस के अलावा दो चौकीदार भी तैनात थे। इसके बाद भी सोमवार देर रात सभी 49 लोग भाग गए। इनमें अधिकतर बरेली, औरंगाबाद, गोरखपुर, फर्रुखाबाद, आंबेडकरनगर, आजमगढ़ व फतेहपुर के निवासी हैं। इनके भागने की किसी को जानकारी नहीं। मंगलवार दोपहर को भी स्कूल में बने इस शिविर में केवल दो चौकीदार थे। हैरानी की बात है कि जिले की सीमाएं सील होने के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी कहां गए, किसी को नहीं पता।

प्रवासियों ने काटा था हंगामा
दिल्ली-एनसीआर से आए प्रवासी कामगारों के न रुकने की एक बड़ी वजह शिविरों की अव्यवस्था भी हो सकती है। दरअसल, सोमवार को अकराबाद स्थिति शिविर में 160 लोगों के पहुंचने पर व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई थीं। समाजसेवियों के हाथ-पांव फूल गए थे। कुछ लोग तो कोरोना वायरस की चपेट में आने के डर से घर चले गए थे। ऐसे में छोटे बच्चे भूख-प्यास से परेशान होने लगे। खाना न मिलने पर प्रवासियों ने शिविर में हंगामा काटा था। हंगामे की जानकारी पर बीडीओ पूर्ण वोरा और एसओ सुनील कुमार ने रात को शिविर में खाने के पैकेट व बच्चों को दूध के पैकेट का इंतजाम किया था, पर फिर भी सुबह तक कोई नहीं टिका।
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यूपी: वेतन व कोरोना से बचाव के उपकरण न मिलने पर एंबुलेंस चालकों ने की हड़ताल, मचा हाहाकार

इसी कॉलेज में मुसाफिरों के रुकने का किया गया था प्रबंध...
यूपी के गोंडा व अयोध्या जिले में अपनी मांगों को लेकर एंबुलेंस चालकों ने मंगलवार को हड़ताल का एलान किया दिया जिससे हड़कंप मच गया। हालांकि, गोंडा में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दखल के बाद कर्मचारी वापस काम पर लौटे लेकिन इस दौरान हाहाकार मच गया।

इसके पहले सोमवार को भी 102 और 108 एंबुलेंस कर्मचारियों ने हड़ताल का एलान किया था जिसके बाद देर शाम स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन से सहमति बन गई थी लेकिन मंगलवार दोपहर कर्मचारी फिर हड़ताल पर चले गए पता चला कि एंबुलेंस कर्मियों को बांटने के लिए दिये गये एक हजार मास्क, ग्लव्ज और सैनिटाइजर उन्हें नहीं दिए गए। सीएमओ ने जब मास्क और ग्लव्ज की रिसीविंग दिखाई तो एंबुलेंस कर्मी वापस काम पर लौट आये।

सीएमओ डॉ मधु गैरोला ने बताया कि सोमवार की शाम को जरूरी संसाधन और तीन महीने के बकाया मानदेय का भुगतान करने के साथ ही एक महीने की कटौती का भुगतान कराये जाने की मांग एंबुलेंस कर्मियों की ओर से की गई थी। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस कर्मचारियों को मानदेय का भुगतान एजेंसी की ओर से किया जाता है। इसके अलावा सभी कर्मियों के लिए 26 मार्च को ही 1000 मास्क और ग्लव्ज के साथ ही सैनिटाइजर भी उपलब्ध कराया गया था।

इस पर संगठन के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार ने हड़ताल स्थगित करने पर सहमति जताई। लेकिन मंगलवार दोपहर में अचानक सभी एंबुलेंस कर्मी फिर हड़ताल पर चले गये। डीएम डॉ नितिन बंसल कोरोना के चलते आपातकालीन सेवाओं को प्रभावित न होने देने का निर्देश सीएमओ को दिया और हड़ताल खत्म कराने के निर्देश दिए। बाद में सीएमओ से बातचीत के बाद फिर से सेवाएं बहाल हो गई हैं।
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गरीबी का दर्द: कुएं में गिरने से पति की मौत, पत्नी के पास कफन के लिए भी नहीं थे रुपये

आगरा के बाह क्षेत्र में दिल को झकझोरने वाला मामला सामने आया है। यहां बकरी चराते समय एक गरीब युवक की कुएं में गिरकर मौत हो गई। लेकिन मृतक की पत्नी के पास कफन खरीदने के लिए भी रुपये नहीं थे। ग्रामीणों की मदद से युवक का अंतिम संस्कार हो सका। 

बकरी हांकने के दौरान जरार निवासी क्रांति नगर में गौतम (30) की रविवार को कुएं में गिरकर मौत हो गई थी। हादसा उस वक्त हुआ जब एक बकरी खराब पड़े कुएं पर रखी करब पर चढ़ गई थी। उसे हांकने के प्रयास में गौतम बकरी समेत कुएं में गिर गया था। 

सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव घर पर पहंचा तो अंतिम संस्कार के लिए खर्च की समस्या खड़ी हो गई। गौतम का परिवार बेहद गरीब है। वो और उसकी पत्नी अनीता किसी तरह अपने चार बच्चों का भरण पोषण कर रहे थे। पति की मौत के बाद अनीता के पास इतने रुपये नहीं थे कि वो कफन भी खरीद सके। 
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बिजली उपभक्ताओं को बड़ी राहत, 30 अप्रैल तक जमा किए जा सकेंगे बिजली बिल

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन को देखते हुए पावर कारपोरेशन ने 1 मार्च से 14 अप्रैल के बीच बने या बनने वाले बिजली बिलों के भुगतान की तिथि 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है।

प्रमुख सचिव ऊर्जा व पावर कारपोरेशन के  अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि कोरोना प्रकोप की वजह से बहुत से उपभोक्ता मार्च में बने बिल जमा नहीं कर सके हैं। 

इसी तरह 14 अप्रैल तक भी बहुत से उपभोक्ताओं के बिल बनेंगे। ये सभी उपभोक्ता 30 अप्रैल तक बिना किसी विलंब सरचार्ज के अपना बिल जमा कर सकेंगे। उपभोक्ताओं
को देय तिथि तक मिलने वाली एक प्रतिशत छूट का लाभ भी मिलेगा।

आसान किस्त योजना भी 30 अप्रैल तक बढ़ी
किसानों की सहूलियत के लिए ऊर्जा विभाग ने किसान आसान किस्त योजना 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है। यह योजना 31 मार्च को खत्म हो रही थी। गौरतलब है कि निजी नलकूपों पर बकाया बिलों के भुगतान के लिए 1 फरवरी 2020 से आसान किस्त योजना शुरू की थी। 
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लॉकडाउन के दूसरे चरण में सौ फीसदी पाबंदी, सड़क पर पैदल चलने वालों पर भी लगेगी रोक

21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा के बाद पहले सप्ताह में कोरोना संक्रमित मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने दूसरे चरण (आठवें से चौदहवें दिन) में और सख्ती करने की बात कही है।

दूसरे चरण में कंप्लीट लॉकडाउन का पालन किया जाएगा और सड़क पर पैदल चलने की भी मनाही होगी। वहीं, उल्लंघन करने वाले को पास के आश्रय गृह में तत्काल क्वारंटीन किया जाएगा।

प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने मीडिया को बताया कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सड़कों के किनारे पैदल चलते लोगों को रोका जाए, उन्हें क्वारंटीन किया जाए और जांच के बाद आश्रयम केंद्रों में रखा जाए। ऐसे लोगों को 14 अप्रैल तक कहीं भी जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि सभी जिलों में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। मेडिकल इमरजेंसी के अलावा घरों से निकलने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
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यूपी से खुलासाः कुछ ऐसे भी थे जो निकले थे कहीं और के लिए, पहुंच गए दिल्ली

उत्तर प्रदेश के कई जिलों से लोग दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी  जमात में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। लेकिन बहुत से ऐसे भी थे जो कहीं और के लिए रवाना हुए थे लेकिन पहुंच गए दिल्ली।   

दिल्ली में धार्मिक जलसे से कोरोना वायरस फैलने के अलर्ट के बाद पुलिस और प्रशासन ने मंगलवार को राजधानी की मस्जिदों की पड़ताल की तो चौंकाने वाली जानकारी मिली। कैसरबाग की मरकजी मस्जिद, काकोरी के पलिया स्थित जामा मस्जिद और मड़ियांव के मुतक्कीपुर स्थित मकवा मस्जिद में बांग्लादेश, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान से आए कुल 23 पुरुष व महिलाएं रह रही थीं।

इन सभी लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से तीन के सैंपल लिए गए। एक का सैंपल खराब होने पर दोबारा लिया गया। सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि दो की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि एक की रिपोर्ट बुधवार को आएगी।

मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम, पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने तीनों मस्जिदों का निरीक्षण किया। पुलिस आयुक्त व डीएम के अनुसार ये लोग दिल्ली से ट्रेन से आए जरूर थे, लेकिन निजामुद्दीन में हुए जलसे में शामिल नहीं हुए थे। सबसे बड़ी बात यह कि मस्जिदों के मुतवल्ली और केयरटेकर ने इन विदेशी नागरिकों के बारे में स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को कोई सूचना तक नहीं दी थी।

यूपी के आईजी कानून-व्यवस्था ज्योति नारायण ने बताया कि दिल्ली के मरकज में यूपी के 157 लोग शामिल थे। इनमें से 137 दिल्ली में या दूसरे राज्यों में हैं। 9 लोग यूपी में हैं। उन्हें क्वारंटीन किया गया है। 


 
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लॉकडाउन झांसीः आज से मिलेगा राशन, वितरण बनेगा चुनौती

जिले में लॉकडाउन के बाद लोगों को राशन मुहैया कराने के लिए आज से वितरण शुरू किया जाएगा। इस दौरान 794 राशन दुकानों पर लोगों को निशुल्क राशन बांटा जाएगा। इसे लेकर पूर्ति विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। वितरण के दौरान मनरेगा जॉबकार्ड धारकों, श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों और नगर निकायों में पंजीकृत मजदूरोें को निशुल्क राशन भी मिलेगा।

इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन विभाग के चुनौती बनेगा। इसके लिए हर दुकान पर अधिकारी की तैनाती कर दी है। सरकार ने लॉकडाउन के दौरान जरुरतमंदों को निशुल्क राशन मुहैया कराने की घोषणा की है। इसके चलते पांच अप्रैल से शुरू होने वाला राशन वितरण इस बार एक अप्रैल से शुरू होगा। इसे लेकर हर राशन दुकान पर सुबह छह बजे से रात नौ बजे तक ई-पॉस मशीन के लिए जरिए राशन बांटा जाएगा। योजना के मुताबिक अंत्योदय कार्डधारक को 20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल प्रति यूनिट दिया जाएगा।

जबकि मनरेगा जॉबकार्डधारकों, श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों और नगर निकाय में पंजीकृत दिहाड़ी मजदूरों को तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल प्रति यूनिट की खाद्यान्न दिया जाएगा। जिला पूर्ति अधिकारी तीर्थराज यादव ने बताया कि हर राशन दुकान पर पंजीकृत कार्डधारकों और मजदूरों को राशन बांटा जाएगा। कोरोना वायरस को लेकर हर दुकान पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए अधिकारी तैनात किए गए हैं।

पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को करना होगा भुगतान
जिले में पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को राशन के लिए भुगतान करना होगा। उन्हें दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो की दर से चावल मिलेगा। पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से राशन पाने के लिए भुगतान करना होगा।

हाथ धुलवाकर लगावाएंगे अंगूठा
राशन वितरण के दौरान हाथ धुलवाकर ई-पॉस मशीन पर अंगूठा लगाना होगा। इसके लिए दुकानों पर सैनिटाइजर और साबुन रखवा दिए गए हैं। साथ पानी की व्यवस्था की गई है।

कमिश्नर ने की लोगों से अपील
राशन वितरण के दौरान सावधानी बरतने के लिए मंडलायुक्त सुभाषचंद्र शर्मा ने लोगों से अपील की है। कमिश्नर ने बताया कि राशन के लिए लोगों को परेशान नहीं होना है। सभी को वितरण किया जाएगा। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाए। साथ ही सैनिटाइजेशन कर ही राशन वितरित किया जाए।

आंकड़ों की नजर में
331549 पात्र गृहस्थी कार्डधारक जिले में
45830 अंत्योदय कार्डधारक जिले में
3.5 लाख मनरेगा मजदूर जिले में
25 हजार श्रम विभाग में पंजीकृत मजदूर
40 हजार नगर निकायों में पंजीकृत मजदूर
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