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  1. Duela 4 ordu

    स्नेह, सौहार्द व समरसता के महापर्व होली की हार्दिक शुभकामनायें। एक-दूसरे पर सत्य, निष्ठा व देशभक्ति का ऐसा रंग लगायें जो निरंतर बना रहे। इस अवसर पर सत्य मार्ग पर चलकर जीवन को उमंग व उत्साह से भरपूर बनाते हुए राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन का संकल्प लें।

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  2. Duela 4 ordu

    "मानव स्वभाव ही ऐसा है कि हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते, उत्सव प्रिय होना मानव स्वभाव है। हमारे त्यौहार होने ही चाहिए।”: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

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  3. Duela 4 ordu

    ।।बालकाण्ड।। कलपभेद हरिचरित सुहाए। भाँति अनेक मुनीसन्ह गाए॥ करिअ न संसय अस उर आनी। सुनिअ कथा सादर रति मानी॥4॥ अर्थ:-कल्पभेद के अनुसार श्री हरि के सुंदर चरित्रों को मुनीश्वरों ने अनेकों प्रकार से गया है। हृदय में ऐसा विचार कर संदेह न कीजिए और आदर सहित प्रेम से इस कथा को सुनिए॥4॥

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  4. Duela 4 ordu

    ।। श्रीमद्भगवद्गीता।। योगयुक्तो विशुद्धात्मा विजितात्मा जितेन्द्रियः । सर्वभूतात्मभूतात्मा कुर्वन्नपि न लिप्यते ॥

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  5. Duela 15 ordu

    होलिका दहन के अवसर पर समाज में व्याप्त बुराईयों और आपसी मतभेदों का दहन कर खुशी, प्रेम और उल्लास के प्रसार का संकल्प लें। सभी को होली की शुभकामनायें।

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  6. (e)k Bertxiotua
    Duela 22 ordu

    डॉ. कृष्ण गोपाल ने नई दिल्ली के एनडीएमसी सभागार में पी.परमेश्वरन जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि- उनका हमेशा से ये आग्रह रहा कि समाज हिंदुत्व को ठीक परिदृश्य में समझे

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  7. mar. 9

    "कमजोर ना बनें, शक्तिशाली बनें और यह विश्वास रखें की भगवान हमेशा आपके साथ है।” : लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

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  8. mar. 9

    ।।बालकाण्ड।। जेहिं यह कथा सुनी नहिं होई। जनि आचरजु करै सुनि सोई॥ कथा अलौकिक सुनहिं जे ग्यानी। नहिं आचरजु करहिं अस जानी॥2॥ रामकथा कै मिति जग नाहीं। असि प्रतीति तिन्ह के मन माहीं॥ नाना भाँति राम अवतारा। रामायन सत कोटि अपारा॥3॥

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  9. mar. 9

    ।। श्रीमद्भगवद्गीता।। भोक्तारं यज्ञतपसां सर्वलोकमहेश्वरम्‌ । सुहृदं सर्वभूतानां ज्ञात्वा मां शान्तिमृच्छति ॥

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  10. mar. 8

    यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवत:। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: क्रिया:।। अर्थात् ”जहाँ स्त्रियों का आदर किया जाता है, वहाँ देवता रमण करते हैं और जहाँ इनका अनादर होता है, वहाँ सब कार्य निष्फल होते हैं।

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  11. mar. 8

    ।।यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।। अर्थ: जहाँ स्त्रियों की पूजा होती है वहाँ देवता निवास करते हैं। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर समस्त मातृ शक्‍ति का अभिनंदन। इस अवसर पर सभी महिला सुरक्षा के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संकल्प लें।

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  12. mar. 8

    "आपका लक्ष्य किसी जादू से नहीं पूरा होगा, बल्कि आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना पड़ेगा।”: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

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  13. mar. 8

    ।।बालकाण्ड।। कीन्हि प्रस्न जेहि भाँति भवानी। जेहि बिधि संकर कहा बखानी।सो सब हेतु कहब मैं गाई। कथा प्रबंध बिचित्र बनाई॥

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  14. mar. 8

    ।। श्रीमद्भगवद्गीता।। स्पर्शान्कृत्वा बहिर्बाह्यांश्चक्षुश्चैवान्तरे भ्रुवोः । प्राणापानौ समौ कृत्वा नासाभ्यन्तरचारिणौ ॥ यतेन्द्रियमनोबुद्धिर्मुनिर्मोक्षपरायणः । विगतेच्छाभयक्रोधो यः सदा मुक्त एव सः ॥

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  15. mar. 7

    संघ के वरिष्ठ प्रचारक रहे और "वरदान सेवा संस्थान" के माध्यम से जनसेवा में स्वयं को समर्पित करने वाले श्री कमलेश जी के पार्थिव शरीर पर माननीय बड़े दिनेश जी भाई साहब (वि.हि.प.) के साथ भावपूर्ण श्रद्धांजली अर्पित की। ईश्वर पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें।

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  16. mar. 7

    संघ के उत्कृष्ट स्वयंसेवक श्री रामनिवास जैन जी के देहांत पर विनम्र श्रद्धांजली अर्पित। रामनिवास जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन संगठन और समाज के कल्याण में समर्पित कर दिया। ईश्वर पुण्यात्मा को सद्गति प्रदान करें।

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  17. mar. 7

    “महान उपलब्धियाँ कभी भी आसानी से नहीं मिलती और आसानी से मिली उपलब्धियाँ महान नहीं होतीं।”: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

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  18. mar. 7

    ।।बालकाण्ड।। रामचरित राकेस कर सरिस सुखद सब काहु। सज्जन कुमुद चकोर चित हित बिसेषि बड़ लाहु॥ अर्थ:-रामचरित्र पूर्णिमा के चन्द्रमा की किरणों के समान सभी को सुख देने वाले हैं, परन्तु सज्जन रूपी कुमुदिनी और चकोर के चित्त के लिए तो विशेष हितकारी और महान लाभदायक हैं॥32 (ख)॥

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  19. mar. 7

    ।। श्रीमद्भगवद्गीता।। कामक्रोधवियुक्तानां यतीनां यतचेतसाम्‌ । अभितो ब्रह्मनिर्वाणं वर्तते विदितात्मनाम्‌ ॥ भावार्थ : काम-क्रोध से रहित, जीते हुए चित्तवाले, परब्रह्म परमात्मा का साक्षात्कार किए हुए ज्ञानी पुरुषों के लिए सब ओर से शांत परब्रह्म परमात्मा ही परिपूर्ण है॥26॥

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  20. (e)k Bertxiotua
    mar. 3

    has no rights to intervene in the sovereign rights and internal affairs of our country. We are surprised that it had not yet noticed any human rights violation of minorities in Pakistan & other dictatorial countries :

    Desegin

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