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New Delhi
Joined May 2014
Born November 04

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  1. Pinned Tweet
    Dec 5

    न्याय की प्रक्रिया जितनी लंबी होगी असंतुष्टि उतनी ज़्यादा होगी इसलिए हैदराबाद एनकाउंटर से लोग चिंतित कम खुश ज़्यादा हैं। सात साल हो गए है निर्भया के गुनाहगार जेल में मुफ्त की रोटियां तोड़ रहे हैं। आज पुलिस ने एनकाउंटर किया अति हुई तो कल आम आदमी भी हथियार उठाएगा।

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    मेरा नाम तनवीर अहमद है। मैं यहां का पुलिस ऑफिसर हूं। आप जाइए यहां से। कानून का पालन करें। आप युवाओं को भड़का रही है और उन्हें भुगतना पड़ेगा। जाइए... आप अपने फायदे के लिए स्टूडेंट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका करियर खराब कर रही है। जाइए यहां से...

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  3. क्या आप इतने डरे हुए हैं?

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  4. 25,000 लोग एक जगह पर जमा हुए। का शांतिपूर्ण विरोध किया। हज़ारों की संख्या में छात्र थे। फ़िल्म सितारे थे। किसी ने भी मंच हाईजैक नहीं किया। Nation plz understand the Basic difference between Rights and Riots. – at Tennis Court - Mumbai Univesity

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  5. भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष जो कर सकता है वो करने की ताक़त विपक्ष में बची नहीं है। My Dear Opposition do you contain power to do impeachment like US.

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    21 hours ago

    They didn't care to protest against . Rape and brutal murders of and didn't trouble their conscience. Sinking economy and destitute farmers didn't enrage them. What drove them out was a slogan that some foreigner won't get asylum. Alas!

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  7. इन दंगाइयों में तो कई ऐसे होंगे जो का मतलब तक नहीं जानते होंगे। उन्हें बिल और एक्ट का फ़र्क तक नहीं पता होगा।

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  8. पड़ोसी मुस्लिम देशों में रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय के लिए मनमोहन सिंह उदारवादी होने की वक़ालत कर रहे थे। राजीव गाँधी ने कभी असम से बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकाल बाहर करने का वादा किया था। मेरा सिर्फ इतना सवाल है कांग्रेस ने तब राजनीति की या आज कर रही है।

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  9. ऑफिस के किसी काम से में हूँ। अफ़सोस है, से लेकर तक इतना भ्रम फैला हुआ है कि हालात संभाले नहीं संभल रहे। केंद्र व राज्य सरकार लोगों तक का उद्देश्य पहुंचाने में नाकामयाब रही। हुड़दंगी ज़रा मुंबईकरों से सीख लें गाँधीवादी तरीके से भी प्रदर्शन होते हैं।

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    दिल्ली के मंडी हाउस में आजादी के नारे लग रहे हैं. दरअसल का संदर्भ बहुत ही व्यापक है. हर किसी को किसी ना किसी तरह की आज़ादी चाहिए, इसलिए आज़ादी की मांग कभी खत्म नहीं होने वाली. सबसे महत्वपूर्ण है बोलने की आज़ादी. ये है तो कई तरह की आजादी इस छतरी के नीचे सुरक्षित रहेगी

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    जिस दिन नेताओं की आंख का ये हाल होने लगेगा सारे झगड़े खत्म हो जाएंगे ! दंगे फसाद कराकर वो चलते बनते हैं और पिसती है पुलिस, पब्लिक

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  13. अगर शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी दमन किये जायेंगे तो बीजेपी सरकार इमरजेंसी काल का उदाहरण देना बंद कर दे।

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  14. आप चाहते हैं लोग आपकी सुने लेकिन आप कान बंद करके बैठे हैं । बिना दो तरफा संवाद कोई किसी की नहीं सुनेगा।

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  15. Under CAA the non-Muslims who are persecuted because of their religious identities in Islamic countries Pak, Afghan n Ban will get citizenship.Indian Muslims has nothing to do with it. SC is monitoring NRC which is not yet into the force, it will be applied on non-Muslims too.

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  16. दो तस्वीरें एक दिल्ली पुलिस का जवान दूसरा जामिया में पढ़ रहा नौजवान। एक की आँख जाते-जाते बची एक की आँख चली गयी।

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  17. You don't have to be rational to oppose . You just have to be Blind.

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  18. अब किस बात की देर। जल्द काम तमाम करो।

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  19. Retweeted
    Dec 17

    फटा पोस्टर निकला जीरो. जामिया प्रोटेस्ट की पोस्टर गर्ल के ख्यालात दकियानूसी और सड़ांध से भरे हैं.

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  20. Retweeted

    BY THE WAY- "These papers r published in a democracy where the President is facing an impeachment process. If he can’t stop his own impeachment - or people writing abt it- what preciously significant or significantly precious can we do?"

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  21. अमानतुल्ला खान काम बोलना चाहिए, ज़ुबान नहीं। दिल्ली के लोगों को भड़का के एक दूसरे से दूर मत करिए आज का बीज कल नफ़रत का बरगद बन जाएगा।

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