नहीं, नीरव मोदी ने भारत से भागने के लिए भाजपा नेताओं को रिश्वत देने की गवाही नहीं दी

19 मार्च को 20,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपी, भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को लंदन में गिरफ्तार किया गया। दूसरे दिन, लंदन की एक अदालत ने उसके भाग जाने की आशंका जताते हुए, उसके जमानत आवेदन को रद्द कर दिया और उसे 29 मार्च तक हिरासत में भेज दिया। अब एक संदेश सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि उसने लंदन की अदालत में निम्नलिखित बयान दिया है।

इस संदेश में लिखा है : “नीरव मोदी का लंदन कोर्ट मे बयान,भागा नही हूं भगाया गया हूं जिसकी कीमत 456 करोड़ रुपए जो सरकार के मंत्रियों से लेकर भाजपा नेताओं और अफसरों मे बंटा है?? क्या इस न्यूज़ को मीडियावालों में हिम्मत है दिखाने की??”

लंदन कोर्ट में नीरव मोदी का बयान दिया है कि ” मैं भागा नहीं भगाया गया हूं , 456 करोड़ रुपया कमीशन खाया है भाजपा के नेताओं ने ?

Posted by Bhanwar Lal Gurjar on Friday, March 22, 2019

एक ट्विटर यूजर, @MLARajeshSP ने यही दावा ट्वीट किया, जिसे अब हटा दिया गया है। हटाए जाने से पहले इसके 400 के करीब रिट्वीट हो गए थे।

फेसबुक और ट्विटर पर कई लोगों ने इस संदेश को शेयर किया है। इस संदेश के अनुसार, लंदन की एक अदालत में नीरव मोदी ने कहा था कि उसने, भारत से भागने में मदद के लिए, सरकार के मंत्री, भाजपा नेताओं और अधिकारियों को एक बड़ी राशि का भुगतान किया था।

तथ्य-जांच

द टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा 21 मार्च को प्रकाशित एक रिपोर्ट में, विशेष रूप से वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत में, नीरव मोदी द्वारा कहे गए शब्दों को उद्धृत किया गया है, “मैं सहमति नहीं देता (अनुवादित)”। यह जिला जज मैरी मालन द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में था। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने जो अन्य विवरण दिया, वह केवल उनकी जन्म तिथि और पता था। ऑल्ट न्यूज़ को कोई अन्य मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें, सोशल मीडिया में प्रसारित बयान, नीरव मोदी का बताया गया हो।

ऑल्ट न्यूज़ ने लंदन की एक पत्रकार नाओमी कैंटन से संपर्क किया। कैंटन, जो यूके से टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए रिपोर्ट करती हैं, ने पुष्टि की कि मोदी के नाम से बताया गया बयान “नकली समाचार – (अनुवादित)” है। उन्होंने कहा, “मैं अदालत में थी और नीरव मोदी ने खुली अदालत में यह नहीं कहा। वे सिर्फ अपने नाम की पुष्टि करने के लिए बोले और अपनी जन्मतिथि और पता दिया। उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने प्रत्यर्पण की सहमति दी है और उन्होंने कहा कि मैं सहमति नहीं देता। इसके अलावा ये सिर्फ उनका बैरिस्टर और सीपीएस थे जो बोले – (अनुवादित)।” (सीपीएस : क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस/ शाही अभियोजन सेवा)।

बदला हुआ स्क्रीनशॉट

न्यूज 18 इंडिया का एक फोटोशॉप किया हुआ स्क्रीनशॉट भी सोशल मीडिया में  शेयर किया जा रहा है, जिसमें यह फर्जी बयान नीरव मोदी का बताया गया है।

भाजपा नेताओं और मंत्रियों को निशाना बनाने के लिए, नीरव मोदी के भारत से भागने में उनकी मिलीभगत को लेकर, सोशल मीडिया में नीरव मोदी के नाम से फर्जी बयान चला दिया गया।

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