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तमिलनाडु: मिड डे मील में घोटाला, नेताओं-अफसरों को 2400 करोड़ रुपए की घूस का खुलासा

आईटी की जांच टीम अब संदिग्धों को सम्मन जारी कर रही है। वह जल्द ही राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों को भी इस मामले में उचित कदम उठाने को लेकर चिट्टी लिख सकती है।

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (एक्सप्रेस फोटो: गुरमीत सिंह)

तमिलनाडु में आयकर विभाग ने एक कंपनी पर छापेमारी कर कुछ दस्तावेज जब्त किए, जिनसे सरकार की नून मील स्कीम (मिड डे मील) से जुड़े बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक, नेताओं, नौकरशाहों व उनके परिजन को इसमें तकरीबन 2400 करोड़ रुपए की घूस दी गई। यह छापा खाद्य सामग्री बेचने वाली कंपनी क्रिस्टी फ्राइडग्राम इंडस्ट्री के यहां पड़ा था, जहां से तमिलनाडु सरकार की नून मील स्कीम के लिए दाल, पाम ऑइल व अंडे सरीखी सामग्री जाती थी।

आईटी ने जुलाई में तिरुचेंगोड़े की कंपनी व उसके अधिकारियों के दफ्तरों पर जुलाई में ये छापेमारी की थी। टीम को तब वहां से कुछ दस्तावेज मिले, जिनमें घूस दिए जाने से जुड़ी बातें सामने आईं। आईटी का जांच दस्ता फिलहाल इस मामले की जांच कर रहा है। साथ ही यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि आखिर यह घूस किसलिए दी गई। शुरुआती जांच-पड़ताल में पता लगा कि नौकरशाह के पास खाने के सामान का ऑर्डर देने का जिम्मा था या वह स्कीम से संबंधित बिल सैंक्शन करने वाले प्रभारी थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, लोकायुक्त द्वारा जांच के बाद कर्नाटक में इस कंपनी को साल 2014 में ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था। नाम न बताने की शर्त पर जांच अधिकारी ने बताया, “हमें जो दस्तावेज मिले हैं, उनमें कुछ सालों के दौरान किए गए रुपयों के हिसाब-किताब का जिक्र है। ये पैसे नौकरशाहों को दिए गए थे, जो कि उस दौरान प्रमुख पदों पर रहे।” अधिकारी ने दावा किया कि ऑनलाइन बैंक ट्रांसफर से करोड़ों रुपए की घूस दी गई।

एक अन्य अधिकारी ने बताया- छापेमारी में मिले दस्तावेजों में कुछ तो तमिलनाडु सरकार से संबंधित हैं, जो कि बगैर वरिष्ठ नौकरशाहों की दखल के लीक नहीं हो सकते। जांचकर्ताओं ने कंपनी पर आरोप लगाया कि वह अपने टैक्स रिटर्न में राजस्व के सूत्रों को छिपा रही है। कंपनी ने इसके अलावा नमक्कल में एक बैंक से लोन हासिल करने के लिए जो दस्तावेज जमा किए, उनमें व कंपनी के दूसरे दस्तावेजों में फर्क पाया गया।

आईटी की जांच टीम अब संदिग्धों को सम्मन जारी कर रही है। वह जल्द ही राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों को भी इस मामले में उचित कदम उठाने को लेकर चिट्टी लिख सकती है। जांच अधिकारियों ने अखबार से आगे कहा कि कंपनी ने मद्रास हाईकोर्ट से इस मामले को लेकर स्टे आर्डर (सम्मन जारी करने वाले कदम को लेकर) की अपील की।

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