Satta King 2020

राजस्‍थान में फायदा हासिल करने को एमपी का सट्टा मार्केट फिक्‍स कर रही कांग्रेस, बीजेपी का आरोप

हाल ही में राजस्थान की पोकरण सीट से भाजपा प्रत्याशी और तारातरा मठ के महंत प्रतापपुरी ने भाजपा की जीत को लेकर बयान दिया था। उनका अनुमान था कि प्रदेश में सट्टा बाजार भाजपा की 125-130 सीटें बता रहा है।

मध्य प्रदेश में क्या परिवर्तन की हवा? बदलने लगा है सट्टा बाजार का ट्रेंड!

प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर आम जनता के अलावा किसी और की भी नजर है। दरअसल प्रदेश चुनाव को लेकर सट्टा बाजार भी गरमा रहा है।

MP-Chhattisgarh Election 2018: बीजेपी या कांग्रेस में से किसकी होगी जीत, इन पर दांव लगा रहा सट्टा बाजार

MP and Chhattisgarh Election 2018: ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट को पकड़ना कठिन काम है, क्योंकि ऑनलाइन रैकेट तो एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है।

Satta Matka: सट्टा-मटका खेलने वाले पकड़े गए तो हो सकती है ये सजा, जानिए क्‍या है कानून

Satta Matka King 2018: सट्टा खेलना भारत में गैर-कानूनी है लेकिन बावजूद इसके कई लोग यह जुआ खेलते हैं। ‘Satta Matka’ एक तरह का लॉटरी सिस्टम है। माना जाता है भारत में यह काफी पहले से खेला जाता रहा है, आजादी से भी पहले।

Satta Matka: सट्टा मटका भारत में ऐसे खेला जाता है, लोग लगाते हैं अरबों रुपये!

Satta King 2018 Online, Satta Matka King Online, Satta Matka King 2018, Satta King Satta Matka: अनुमान है कि देश में हर साल 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्‍यादा का सट्टा लगता है, जिसका लगभग आधा गैरकानूनी होता है।

Satta Matka: सट्टा मटका में इन ट्रिक्‍स के सहारे लकी नंबर चुनते हैं लोग!

Satta Matka Tricks, Satta King Tricks: कल्‍याण मटका, मायापुरी, दी पी बॉस, दिल्‍ली किंग, सुपर डे मटका, इंडियन मटका, बॉस मटका, मैन मुंबई मटका, राजधानी नाइट, मिलन डे, कमल डे, सुप्रीम डे, सुपर कल्‍याण, बॉम्‍बे बाजार, मिलन नाइट, कल्‍याण नाइट, सागर नाइट, भाग्‍यलक्ष्‍मी, सागर डे, सुप्रीम नाइट, कुबेर मॉर्निंग, कुबेर मटका जैसे सट्टा मटका खेल अवैध रूप से होते हैं।

Satta Matka: सट्टा मटका क्‍या है, भारत में कैसे हुई इसकी शुरुआत और कौन है ‘मटका किंग’, जानिए

Satta King, Satta Matka 2018: सट्टा यानी मटका जुआ, लॉटरी का यह रूप भारत में प्रतिबंधित है। इसी शुरुआत न्‍यूयॉर्क कॉटन एक्‍सचेंज से बॉम्‍बे कॉटन एक्सचेंज से भेजी जाने वाली रुई के शुरुआती और अंतिम दामों पर सट्टा लगाने से हुई। 1961 में न्‍यूयॉर्क कॉटन एक्‍सचेंज ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया।