श्री लाल कृष्ण आडवाणी

1980 में ‘भारतीय जनता पार्टी’ की स्थापना के पश्चात् श्री आडवाणी सर्वाधिक समय तक पार्टी के अध्यक्ष रहे | अपनी तीन दशक की संसदीय यात्रा में श्री आडवाणी, वाजपेयी मंत्रिमंडल (1999-2004) में पहले गृहमंत्री तत्पश्चात उप-प्रधानमंत्री के पद पर रहे |

आडवाणी जी अपनी उदात्त बौद्धिक-क्षमता, सिद्धांत-निष्ठता एवं सशक्त तथा समृद्ध भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं | अटल जी के अनुसार उन्होंने राष्ट्रवाद के मूल सिद्धांतों से समझौता किये बिना अपने राजनीतिक दायित्वों के निर्वाह में परिस्थितियों के अनुसार नम्यता का भी परिचय दिया है |

श्री आडवाणी का जन्म 8 नवम्बर 1927 को अविभाजित भारत के सिंध प्रान्त में हुआ था | सेंट पैट्रिक स्कूल करांची के छात्र के रूप में देशभक्ति के विचारों से प्रेरित होकर मात्र चौदह वर्ष की आयु में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये और अपने जीवन को राष्ट्र सेवा में समर्पित कर दिया |

1947 में ब्रिटेन से भारत की स्वतंत्रता श्री आडवाणी जी के लिए सुखद नही रही, वे उन लाखों शरणार्थियों में से एक थे जिनको भारत विभाजन के दौरान हुए सांप्रदायिक दंगों के कारण अपनी भूमि एवं सम्पत्ति को छोड़ कर विस्थापित होना पड़ा था | इन दुखद घटनाओं ने उनके ऊपर विपरीत प्रभाव डालने एवं उनके मन में कट्टरता उत्पन्न करने के स्थान पर उन्हें और उदार एवं धर्मनिरपेक्ष बना दिया | अपने मन में इन्ही संकल्पों के साथ वे राजस्थान आये और संघ के प्रचारक के रूप में कार्य जारी रखा |

अस्सी और नब्बे के दशक में श्री आडवाणी ने भाजपा को एक राष्ट्रीय राजनीतिक शक्ति के रूप में खड़ा करने पर ध्यान केन्द्रित किया | उनके प्रयासों के परिणाम 1989 के लोकसभा चुनावों परिलक्षित हुए जब भाजपा ने 1984 में प्राप्त 2 लोकसभा सीटों से बढ़कर कर 84 सीटों पर प्रभावशाली विजय प्राप्त की | पार्टी ने उत्तरोत्तर उन्नति करते हुए 1992 एवं 1996 में क्रमशः 121 एवं 161 सीटें प्राप्त की और सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उभरी |

श्री लालकृष्ण अडवाणी : जीवन वृत्त

8 नवम्बर 1927 – कराची, वर्तमान पाकिस्तान में श्री किशनचंद एवं श्रीमती ज्ञानीदेवी आडवाणी के घर श्री लालकृष्ण अडवाणी का जन्म हुआ |
1936-1942 – सेंट पैट्रिक स्कूल से शिक्षा प्राप्त की एवं मैट्रिक तक प्रत्येक कक्षा में प्रथम आये |
1942 – एक स्वयंसेवक के रूप में आरएसएस से जुड़े |
1942- ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ के दौरान दयाराम गिडूमल नेशनल कॉलेज हैदराबाद में प्रवेश लिया |
1944 – मॉडल हाई स्कूल कराची में शिक्षक के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया |
12 सितम्बर, 1947 – विभाजन के दौरान सिंध से दिल्ली आये |
1947-1951- कराची शाखा के संघ सचिव के रूप में अलवर, भरतपुर, बूंदी, कोटा, झालवार में संघकार्य किया |
1957- श्री अटलबिहारी वाजपेयी की सहायता करने के लिए दिल्ली आये |
1958-63 – दिल्ली जनसंघ के राज्य सचिव के रूप में नियुक्त हुए |
1960-1967 – संघ के मुखपत्र ‘आर्गेनाइजर’ के सह संपादक के रूप में कार्य किया |
फरवरी 25, 1965 – श्रीमती कमला आडवाणी से परिणय सूत्र में बंधे जिनसे उनकी दो संताने प्रतिभा एवं जयंत हुए|
अप्रैल 1970 – राज्यसभा में प्रवेश किया |
दिसंबर 1972 – भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष चुने गये |
26 जून 1975 – आपातकाल के दौरान गिरफ्तार हुए और जनसंघ के अन्य सदस्यों के साथ बंगलौर केन्द्रीय कारागार ले जाये गये |
मार्च 1977 से July 1979 – केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे |
मई 1986 – भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष चुने गये |
1980-86 – भाजपा महासचिव के रूप में कार्य किया |
मई 1986 – पार्टी अध्यक्ष चुने गये |
3 मार्च 1988 – पुनः पार्टी अध्यक्ष चुने गये |
1990 – सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथ यात्रा प्रारंभ की |
1997- भारत की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में स्वर्ण जयंती रथयात्रा प्रारंभ की |
13 अक्टूबर 1999 – 13 मई 2004 – भारत के उप प्रधानमंत्री रहे |