मूलस्त्रोत – भाजपा एवं आर एस एस

भारतीय जनता पार्टी, ‘संघ परिवार’ के नाम से प्रसिद्ध, संगठनों के परिवार का प्रमुख सदस्य है तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर एस एस ) द्वारा परिपोषित है | संघ की ही भांति भाजपा भारत की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है तथा इसकी अध्यात्मिक पहचान, सामाजिक शक्ति, चारित्रिक शुद्धता, अद्वितीय संस्कृति जो कि शताब्दियों से इस देश की पहचान बनी हुई है, के प्रति निष्ठावान है |

राष्ट्र का इतिहास ही उसका दर्शन होता है और भारतीय इतिहास के सम्बन्ध में संघ परिवार के विचार पूर्णतया स्पष्ट हैं | भारत में एक महान सभ्यता का उद्भव एवं विकास हुआ है जिसका प्रभाव श्रीलंका से तिब्बत तक, दक्षिणपूर्व एशिया से मध्य एशिया तक, हिन्द महासागर के एक छोर से दूसरे छोर तक फैला है | इस महान राष्ट्र ने बाह्य आक्रमणों के तूफ़ान झेले हैं किन्तु अपने स्थान पर दृढ़ता से स्थापित रहा है | ग्रीकों, शकों, कुषाणों हूणों, तुर्कों, मुगलों आदि के नृशंस आक्रमण जिनके सामने विश्व के अनेक राष्ट्र नामशेष हो गए, का भारत ने न केवल सामना किया वरन उन्हें अंततः पराभूत किया तथा अपनी महान संस्कृति और सभ्यता की रक्षा की | विजयनगर का वैभव, महाराणा प्रताप, शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह आदि का पराक्रम महारानी पद्मिनी, महारानी दुर्गावती आदि के बलिदान भारत की अदम्य शक्ति के ज्वलंत साक्ष्य हैं |

आधुनिक काल के प्रारंभ में राष्ट्रवाद की यह ज्योति महर्षि दयानंद सरस्वती और स्वामी विवेकानंद द्वारा जलाई गयी | बीसवीं शताब्दी में श्री अरविन्द, लोकमान्य तिलक, वीर सावरकर अदि के द्वारा उल्लेखनीय कार्य किये गए| डॉ केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा 1925 में संस्थापित तथा 1940 के पश्चात् गुरू जी माधव सदाशिव राव गोलवलकर द्वारा संगठित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने स्वयं को उपरोक्त महान परंपरा का उत्तराधिकारी पाया | यह ‘सभी के लिए न्याय और तुष्टिकरण किसी का नही’ के सिद्धांत में विश्वास रखता है | इसे कोई संदेह नही है कि हिन्दू पहचान ही भारतीय समाज और राष्ट्र का आधार है | यह पहचान और यह संस्कृति सभी भारतीयों को धर्म और संप्रदाय से निरपेक्ष रूप से समाहित करती है | संघ के लिए सभी भारतीय चाहे वो किसी सम्प्रदाय और पूजा पद्दति के अनुयायी हों, समान हैं |