श्री अटलबिहारी वाजपेयी १६ से ३१ मई,१९९६,तक और उसके बाद पुनः १९ मार्च,१९९८, से लेकर १३ मई,२००४, तक भारत के प्रधानमंत्री रहे.अक्टूबर १९९९ के लोकसभा चुनावों के बाद प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद वह जवाहरलाल नेहरू के बाद ऐसे पहले और एकमात्र नेता रहे जिन्होंने क्रमशः तीन लोकसभाओं में प्रधानमंत्री का पद सम्भाला।श्रीमती इंदिरा गांधी के बाद श्री वाजपेयी पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपनी पार्टी को चुनावों में लगातार विजय दिलायी।
श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म २५ दिसंबर,सन १९२४, को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था.उनके पिताजी श्री कृष्णबिहारी वाजपेयी और माताजी श्रीमती कृष्णा देवी थीं.श्री वाजपेयी को चार दशकों का लम्बा संसदीय अनुभव है.वह सन १९५७ से संसद सदस्य रहे हैं.वह पांचवीं,छठी और सातवीं लोकसभाओं में चुने गए और दसवीं,ग्यारहवीं,बारहवीं और तेरहवीं लोकसभाओं में चुने गए.वह १९६२ और १९८६ में राज्य सभा के लिए चुने गए.सन २००४ में वह उत्तर प्रदेश में लखनऊ से लगातार पांचवीं बार संसद के लिए चुने गए.वह एकमात्र ऐसे सांसद हैं जो कि चार विभिन्न प्रदेशों यथा उत्तर प्रदेश,गुजरात,मध्य प्रदेश और दिल्ली से चुने गए हैं.प्रधानमंत्री के रूप में उनकी विरासत बहुमूल्य है जिसको उनका कार्यकाल समाप्त होने के एक दशक बाद भी याद किया जाता है.उनकी इस विरासत में पोखरण के नाभिकीय परीक्षण, कुशाग्र और बुद्धिमत्तापूर्ण आर्थिक नीतियां शामिल हैं.उनकी आर्थिक नीतियों पर स्वतंत्र भारत के इतिहास में दीर्घकालीन विकास की नीव रखी गयी.राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास एवं स्वर्णिम चतुर्भुज जैसी महत्वकांक्षी परियोजनाएं उनकी इसी आर्थिक दृष्टि का परिणाम हैं.ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री कम ही हुए होंगे जिन्होंने भारतीय समाज पर ऐसा गहन प्रभाव डाला होगा।