Aalok Shrivastav

@AalokTweet

Poet Writer Thinker. His book 'Aameen' filled with inspiring thoughts and poetry -Amitabh Bachchan (in his tweet T 2278)

New Delhi
Joined March 2015
Born on 30 December

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  1. Pinned Tweet

    Thx a lot Shehnshah of Ind cinema & 'legacy of poetry'. ur appreciation is of the highest honour for me.

  2. कितना जिएँ, कहाँ से जिएँ और किस लिए, ये इख़्तियार हम पे है, तक़दीर पर नहीं ! 1 Year Ago... in ILF

  3. दिल से शुक्रिया महानायक अमिताभ बच्चन सर. आज अपनी ये दो मामूली सी पंक्तियाँ, एक बार फिर ! एकाएक क़ीमती लगने लगी...

  4. अपनी ये मामूली सी पंक्तियाँ, एकाएक क़ीमती लगने लगीं. आप जैसी शख़्सियत ने जो नवाज़ दिया. दिल की गहराइयों से शुक्रिया महानायक 🙏

  5. Aalok Shrivastav followed , and
    • @TheLallantop

      ख़बर भी कहानियों में. शेर'ओ शायरी-किताबें-फिल्में-इतिहास-स्पोर्ट्स और वो जो बातें गंदी हैं. खेलों के लाइव ट्वीट

    • @Hindi_Kavitaa

      •हिंदी कविता• समर्पित है हिंदी भाषा में लिखी गई कविताओं को एवं हिंदी कवियों को। हमारी कोशिश है की हिंदी कविताएँ तथा उनका पढ़ा जाना इस दौर में और लोकप्रिय हो।

  6. होने को फिर शिकार नई उलझनों से हम, मिलते हैं रोज़ अपने कई दोस्तों से हम.

  7. आज शाम 5 से 6 तक 'साहित्य आजतक'

  8. इन दो तस्वीरों की एक कहानी... बहुत जल्द. 😊 With Singer Kailash Kher & Shaan.

  9. ये सुनिये - मुशायरा नहीं ख़जाना है, उर्दू ज़बान और शायर के कलाम, की ख़ूबसूरती का...!

  10. होने को फिर शिकार नई उलझनों से हम, मिलते हैं रोज़ अपने कई दोस्तों से हम.

  11. "जरा पाने की चाहत में बहुत कुछ छूट जाता है, नदी का साथ देता हूँ समंदर रूठ जाता है।" :)

  12. बरसों फ़रेब खाते रहे दूसरों से हम, अपनी समझ में आए बड़ी मुश्किलों से हम. दुबई मुशायरा : जश्न-ए-उर्दू, 2016...

  13. बरसों फ़रेब खाते रहे दूसरों से हम, अपनी समझ में आए बड़ी मुश्किलों से हम.

  14. ये सोचना ग़लत है के' तुम पर नज़र नहीं, मसरूफ़ हम बहुत हैं मगर बेख़बर नहीं ! शुक्रिया रेख़्ता, शुक्रिया अंजना ओम कश्यप...

  15. ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं मसरूफ़ हम बहुत हैं मगर बे-ख़बर नहीं

  16. Dr-Kapil Sharma : ...चलिए भाई, फ़ेसबुक की ये ख़ुशफ़हमी भी बरक़रार रख ली जाए कि हमारी दोस्ती तीन साल ही पुरानी है ! हा हा हा !! 😜 मुबारक.

  17. ये इश्क़ क्या है, ये इश्क़ क्या है, ये इश्क़ क्या है, ये इश्क़ क्या है, सुलगती साँसें, तरसती आँखें, मचलती रूहे,...

  18. बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी, जैसी अब है तेरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी. ले गया छीन के कौन आज तेरा...

  19. ...अरे किसी को याद है ? कश्मीर में पत्थरबाज़ी कब से नहीं हुई ?

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