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गाय और अन्य पशुओं के व्यापार को नियंत्रित करने का कानून भारतीय आत्मा और संस्कृति के अनुरूप देश का विकास करने में अत्यंत परिणामकारी रहेगा। यह कानून कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गत सैकड़ों वर्षों में ‘पशुधन को माँस के स्रोत के रूप में देखने’ की आयी विकृति को दूर करेगा। यह 50 वर्ष पूर्व 1967 में हुए गोहत्या विरोधी आंदोलन को सच्ची श्रद्धांजलि है।इस निर्णय ने आंदोलनकारियों के त्याग और बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया।








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