- published: 31 Jan 2015
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न कश्चिदपि जानाति किं कस्य श्वो भविष्यति अत: श्व: करणीयानि कुर्यादद्यैव बुद्धिमान || Na kashchidapi jAnAti kin kasya shwo BaviShyati | atah shwah karaNIyani kuryAdadyaiv buddhimAn || Meaning: Nobody knows, tomorrow what will happen to whom. Therefore, the wise, finish tomorrow’s work today itself.
खिली खिली है जवानी की कहानी दिलजले प्रेभी जय मेहता की है यह अपनी प्रेयिकऱ का दिवाना था प्यार की रद्दह में खुदाई का गम जय को बरदास्त नहीं होता की बनाई सीमाओँ को' भूल कर जय है अपनी दृजिन्दमृनि. को हारने का गम ३अंड़ेनंऩे रही अंर्दाज में स्वीकऱररे करता है । रव्याहिश अंनैर अंजाम से बेखबर ७८१५ ८८11७ "णाहणार भी रचना को नहीं भूल पाता जिन्दगी का८ -नया पहलू भी रुष्य एनी, के हण परिन्दो को पुन: रा-श्व-शरीर-प लाता है मनंब्बादृ तक बहुत देंर हो " जऱती । मीत कं रनं .र पर चल रहूँदृड़ा मौत … को ऐ-पप-श-त्यों मंजिल समझ रहा ३ है । रचना का सच्चख्वा प्यार" उसे प्रेमी के करीब लाता जरूर है परन्तु इस नये ३ ^मं२जरट्वें८ को है देखकर बह घबरा ऱनंन्हुर्तऊँ । अपने प्यार को अपनी बातों में भरने दो त्तमन्मा अब जिन्दगी और मौत का नया पैगाम देती है, मौत के सफर जिन्दगी कमाँरदुमृरि के आगे क्या चा...
Shiva Tandava Stotram (शिवताण्डवस्तोत्रम्) is a 'stotra' (hymn) that describes Shiva's power and beauty. It was sung by the demon king Ravana, a great devotee of Lord Shiva. LYRICS (Sanskrit): जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्यलम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्॥ डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥ जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्द्धनि ॥ धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम॥२॥ धराधरेन्द्रनन्दिनीविलासबन्धुबन्धुर- स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे॥ कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि क्वचिद्दिगम्बरे मनोविनोदमेतु वस्तुनि॥३॥ ........ ~~~~~~~~~~~~~~~~ LYRICS (English): jataatavee galajjala pravaaha paavitasthale gale~avalambya lambitaam bhujangatunga maalikaam damadda madda maddamanninaada vadd...