- published: 25 Dec 2016
- views: 15
A tehsil, (also known as talua or mandal) is an administrative division of some countries of South Asia. It is an area of land with a city or town that serves as its administrative centre, with possible additional towns, and usually a number of villages. The terms in India have replaced earlier geographical terms, such as pargana, pergunnah and thannah, used under the Delhi Sultanate and the British Raj.
As an entity of local government, the tahsil office (Panchayat Samiti) exercises certain fiscal and administrative power over the villages and municipalities within its jurisdiction. It is the ultimate executive agency for land records and related administrative matters. The chief official is called the tahsildar or, less officially, the talukdar or taluka muktiarkar or Tehsildar. Taluk or Tehsil can be said sub districts in Indian (Bharat) context. In some instances, tehsils are called "blocks" (Panchayat union blocks).
Although they may on occasion share the same area with a subdivision of a revenue divisions, known as revenue blocks, the two are distinct. For example, Raipur district in Chhattisgarh state is administratively divided into 13 tehsils and 15 revenue blocks. Nevertheless, the two are often conflated.
उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यकाल में जिन योजनाओं को अबतक पूरा होकर शुरू भी हो जाना चाहिये था वो योजनाएं अभी तक अधूरी पड़ी हैं। उद्घाटनों का दौर तो जारी है लेकिन धरातल पर योजनाओं की बात की जाए तो तमाम योजनाएं अभी भी मुंह चिढ़ाती नज़र आ रही हैं। चाहे लखनऊ एक्सप्रेस-वे हो या कोई मॉडल तहसील ही क्यों न हो। आपको बता दें कि इटावा में मॉडल तहसील का निर्माण तो शुरू किया गया साथ ही इसका उद्घाटन भी कर दिया गया लेकिन अभी तक इसकी इमारत बनकर तैयार नहीं हो सकी है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष ने उद्घाटनों के चल रहे इस दौर में ताखा तहसील का लोकार्पण किया। आपको बता दें कि तहसील के निर्माण के लिए 2014-15 में ही स्वीकृति दे दी गई थी। निर्माणाधीन तहसील में राजस्व अभिलेखागार, एसीएम कोर्ट, ऑफिस, रिटायरिंग रूम सहित तमाम सुविधाएं मौजूद हैं।
खेती
कुशीनगर में भ्रष्टाचार के कई मामले सुर्खियों में रहे है ..... सीबीआई की जांच आज भी जारी है फिर भी बैताल उसी डाल पर है..... कुशीनगर के खड्डा तहसील में स्थित रोहुअवा पुल के स्थान पर दूसरा पुल नहीं बनने से लगभग 50 हजार लोग रोज अपनी जान जोखिम में डाल कर उस नाले को पार करने को मजबूर है..... सबसे ज्यादा कठिनाई रेता क्षेत्र में खेती करने वाले किसानो को होती है.... बरसात के दिनों में एक दर्जन से ज्यादे गांवो का संपर्क कट जाता है 4 किलोमीटर की दूरी के बदले 40 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है वह भी घने जंगलो के बीच..... लगभग 4 वर्ष से प्रकरण चलने के बाद भी किसी भी जनप्रतिनिधि को रेता क्षेत्र के लोगो की कठिनाईओ से कोई सरोकार नहीं है I
Gujarat : मांडवी तहसील में बाल बाल बचा किसान SUBSCRIBE for more updates- News24 English Website-http://news24online.com News24 Hindi Website-http://hindi.news24online.com Youtube: https://www.youtube.com/News24page Follow News24 on Social Media: Facebook: https://www.facebook.com/news24channel Twitter: https://twitter.com/news24tvchannel Google+:https://plus.google.com/+News24channel