नूर इनायत ख़ानभारतीय मूल की ब्रिटिशगुप्तचर थीं, जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मित्र देशों के लिए जासूसी की। ब्रिटेन के स्पेशल ऑपरेशंस एक्जीक्यूटिव के रूप में प्रशिक्षित नूर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान फ्रांस के नाज़ी अधिकार क्षेत्र में जाने वाली पहली महिला वायरलेस ऑपरेटर थीं। जर्मनी द्वारा गिरफ्तार कर यातना दिए जाने और गोली मारकर उनकी हत्या किए जाने से पहले द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान वे फ्रांस में एक गुप्त अभियान के अंतर्गत नर्स का काम करती थीं। फ्रांस में उनके इस कार्यकाल तथा उसके बाद आगामी 10 महीनों तक उन्हें यातना दी गई और पूछताछ की गयी, किन्तु पूछताछ करने वाले नाज़ी जर्मनी की खुफिया पुलिस गेस्टापो द्वारा उनसे कोई राज़ नहीं उगलवाया जा सका। उनके बलिदान और साहस की गाथा युनाइटेड किंगडम और फ्रांस में प्रचलित है। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें युनाइटेड किंगडम एवं अन्य राष्ट्रमंडल देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मान जॉर्ज क्रॉस से सम्मानित किया गया। उनकी स्मृति में लंदन के गॉर्डन स्क्वेयर में स्मारक बनाया गया है, जो इंग्लैण्ड में किसी मुसलमान को समर्पित और किसी एशियाई महिला के सम्मान में इस तरह का पहला स्मारक है। विस्तार से पढ़ें...
माउज़र पिस्तौल मूल रूप से जर्मनी में बनी एक अर्द्ध स्वचालित पिस्तौल है। इस पिस्तौल का डिजाइन जर्मनी निवासी दो माउज़र बन्धुओं ने सन् 1895 में तैयार किया था। बाद में 1896 में जर्मनी की ही एक शस्त्र निर्माता कम्पनी माउज़र ने इसे माउज़र सी-96 के नाम से बनाना शूरू किया। 1896 से 1937 तक इसका निर्माण जर्मनी में हुआ। 20वीं शताब्दी में इसकी नकल करके स्पेन और चीन में भी माउज़र पिस्तौलें बनीं।
इसकी मैगज़ीन ट्रेगर के आगे लगती थी जबकि सामान्यतया सभी पिस्तौलों में मैगज़ीन ट्रेगर के पीछे और बट के अन्दर होती है। इस पिस्तौल का एक अन्य मॉडल लकड़ी के कुन्दे के साथ सन 1916 में बनाया गया। इसमें बट के साथ लकड़ी का बड़ा कुन्दा अलग से जोड़कर किसी रायफल या बन्दूक की तरह भी प्रयोग किया जा सकता था। विस्तार से पढ़ें...
वसा अर्थात चिकनाई शरीर को क्रियाशील बनाए रखने मे सहयोग करती है। वसा शरीर के लिए उपयोगी है, किंतु इसकी अधिकता हानिकारक भी हो सकती है। यह मांस तथा वनस्पति समूह दोनो प्रकार से प्राप्त होती है। इससे शरीर को दैनिक कार्यो के लिए शक्ति प्राप्त होती है। इसको शक्तिदायक ईंधन भी कहा जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए १०० ग्राम चिकनाई का प्रयोग करना अति आवश्यक माना जाता है। इसको पचाने में शरीर को कफ़ी समय लगता है। यह शरीर मे प्रोटीन की आवश्यकता को कम करने के लिए आवश्यक होती है। वसा का शरीर मे अत्यधिक मात्रा मे बढ जाना उचित नही होता है। यह संतुलित आहार द्वारा आवश्यक मात्रा मे ही शरीर को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। अधिक मात्रा जानलेवा भी हो सकती है, यह ध्यान योग्य है। यह आमाशय की गतिशीलता मे कमी ला देती है तथा भूख कम कर देती है। इससे आमाशय की वृद्धि होती है। विस्तार में...
डिजिटल कला, (डिजिटल आर्ट), कला का वह नया रूप है, जिसमें कोई कृति तैयार करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाता है। इसमें कंप्यूटर आधारित प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर असंख्य तरह के डिजाइन तैयार किये जा सकते हैं। इसीलिये इसे मीडिया आर्ट भी कहते हैं। डिजिटल आर्ट में किसी कृति को तैयार करने के लिए पहले चले आ रहे पारंपरिक तरीकों की बजाय आधुनिक प्रौद्योगिकी का सहारा लिया जाता है। इसके प्रमुख अंगों में कंप्यूटर ग्राफिक्स, एनिमेशन, वर्चुअल और इंटरएक्टिव आर्ट जैसे नए क्षेत्र आते हैं। आज डिजिटल आर्ट की सीमाओं और अर्थ का तेजी से बदलाव और विस्तार हो रहा है। इसके संग यह सुविधा भी होती है कि उन्हें संगीतबद्ध किया जा सके। विस्तार में...