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मॉनमाउथ रेजिमेंटल संग्रहालय कासल हिल, मॉनमाउथ, मॉनमाउथशायर, वेल्स में स्थित एक सैन्य संग्रहालय है। संग्रहालय ग्रेट कासल हाउस की एक शाखा है, जो ग्रेड प्रथम इमारत होने के साथ-साथ मॉनमाउथ हेरिटेज ट्रेल के चौबीस स्थलों में से भी एक है। संग्रहालय में प्रदर्शित वस्तुएँ ब्रिटिश प्रादेशिक सेना में सबसे अधिक एवं सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स (मिलिशिया) पर केंद्रित हैं। ग्रेट कासल हाउस रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स का कार्यालय है और संग्रहालय रेजिमेंट के अभिलेखागार का कार्य करता है। संग्रहालय 1989 में राजकुमार रिचर्ड, ग्लौस्टर के ड्यूक, द्वारा स्थापित किया गया था। मॉनमाउथ शहर को अपने योगदान के लिए संग्रहालय प्रिंस ऑफ वेल्स पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसमें मिले पुरालेखों से यह स्पष्ट होता है कि कैसे रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स के नाम में अनूठे तौर पर दो "रॉयल" हैं। संग्रहालय अपने कुछ रिकॉर्ड इंटरनेट पर खोज डेटाबेस के रूप में भी उपलब्ध कराता है। विस्तार से पढ़ें...
1896 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, जो आधिकारिक तौर पर पहले ओलम्पियाड खेल के रूप में जानी जाती है, एक बहु-खेल प्रतियोगिता थी जो यूनान की राजधानी एथेंस में 6 अप्रैल से 15 अप्रैल, 1896 के बीच आयोजित हुई थी। ये आधुनिक युग में आयोजित होने वाली पहली अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक खेल प्रतियोगिता थी। चूँकि प्राचीन यूनान ओलम्पिक खेलों का जन्मस्थान था, अतएव एथेंस आधुनिक खेलों के उद्घाटन के लिए उपयुक्त विकल्प माना गया था। यह सर्वसम्मति से जून 23, 1894, को पियरे डे कोबेर्टिन, फ्रांसीसी शिक्षाशास्त्री और इतिहासकार, द्वारा पेरिस में आयोजित एक सम्मेलन (कांग्रेस) के दौरान मेज़बान शहर के रूप में चुना गया था। अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) भी इस सम्मेलन के दौरान स्थापित की गई थी। अनेक बाधाओं और असफलताओं के बावजूद, 1896 ओलम्पिक एक बड़ी सफलता के रूप में माने गये थे। यह उस समय तक के किसी भी खेल आयोजन की सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी थी। 19वीं सदी में प्रयोग किया एकमात्र ओलम्पिक स्टेडियम, पानाथिनाइको स्टेडियम, किसी भी खेल प्रतिस्पर्धा को देखने के लिए आई सबसे बड़ी भीड़ से उमड़ गया था। विस्तार से पढ़ें...
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समाचार
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- लोकप्रिय संगीतकार, गायक और संस्कृतिकर्मी भूपेन हज़ारिका का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है।
- चीन ने मानवरहित अंतरिक्ष यान शेनझोऊ-८ को गोबी मरुस्थल में स्थित जियूकन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया।
- तुर्की के पूर्वी वान क्षेत्र में आए ७.२ की तीव्रता वाले भूकंप में अब तक 264 लोग मारे गए तथा १३०० लोग घायल हो गए।
- लीबिया के ४० वर्षों तक राष्ट्रपति रहे कर्नल मुअम्मर गद्दाफी को राष्ट्रीय परिवर्तन परिषद के सैनिकों ने मार गिराया।
- भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने जून १९९७ में हुए उपहार थिएटर अग्निकांड मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पीड़ितों के लिए निर्धारित की गई मुआवजा राशि और सिनेमा मालिक अंसल बंधुओं पर लगाई गई दंडात्मक हर्जाना घटा दी।
- इंडोनेशिया के बाली द्वीप में ६.१ की तीव्रता का भूकंप आया।
- भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने 2005 के सितंबर माह के बाद से बिना वसीयतनामा वाले हिंदू परिवारों के पैतृक संपत्ति के बंटवारे में किसी महिला या लड़की का परिवार के पुरुष सदस्य के बराबर हिस्सा मिलने का निर्णय दिया।
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क्या आप जानते हैं?
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निर्वाचित चित्र
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गुलाब सर्वप्रसिद्ध पुष्पीय पौधा है। यह फ़ूलवालों के पास सर्वाधिक मिलने वाले पुष्पों में से एक है।
प्रमुख चित्र पूर्व
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आज का आलेख
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क्लोरीन एक रासायनिक तत्व है, जिसकी परमाणु संख्या १७ तथा चिह्न Cl है। ऋणात्मक आयन क्लोराइड के रूप में यह साधारण नमक में उपस्थित होती है और प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। सर्वाधिक प्रचुरता सागरीय जल में घुले लवण में होती है। सामान्य तापमान और दाब पर तात्त्विक रूप में (Cl 2 या "डाईक्लोरीन") गैस का रूप लेती है। इसका प्रयोग तरणतालों को कीटीणुरहित बनाने में किया जाता है। यह एक हैलोजन है और आवर्त सारणी में समूह १७ (पूर्व में समूह ७, ७ए या ७बी) में रखी गयी है। यह एक पीले और हरे रंग की प्राकृतिक गैस होती है और हवा से हल्की होती है, किन्तु निश्चित दाब और तापमान पर द्रव में बदल जाती है। यह पृथ्वी के साथ ही समुद्र में भी पाई जाती है। क्लोरीन पौधों और मनुष्यों के लिए आवश्यक है। इसका प्रयोग कागज और कपड़े बनाने में किया जाता है। इसमें यह ब्लीचिंग एजेंट (धुलाई करने वाले द्रव्य) के रूप में काम में लाई जाती है। वायु की उपस्थिति में यह जल के साथ क्रिया कर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का निर्माण करती है। मूलत: गैस होने के कारण यह खाद्य श्रृंखला का भाग नहीं है। यह गैस स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। विस्तार में...
बुखारेस्ट रूमानिया की राजधानी एवं वहां का सबसे बडा वाणिज्यिक केंद्र है। यह रूमानिया के दक्षिण-पूर्व में दाम्बोवीता नदी के तट पर स्थित है जो पहले दाम्बोवीता सिटाडेल के नाम से मशहूर था। यूरोपीय मानको मे अनुसार बुखारेस्ट बहुत पुराना शहर नहीं है, इसका उल्लेख १४५९ से पूर्व कहीं नहीं मिलता है। पुराने बुखारेस्ट से १८६२ में रूमानिया की राजधानी बनने तक में अबतक इस शहर में बहुत परिवर्तन आ चुके है, और आज यह अपने आप को रुमानियाई मीडिया, कला एवं संस्कृति के केन्द्र के रूप में स्थापित कर चुका है। इसकी स्थापत्य कला को साम्यवादी काल एवं आधुनिक यूरोप के सम्मिश्रण के रूप में देखा जा सकता है। दो विश्व युद्धों के बीच के समय में इस शहर की शानदार स्थापत्य कला की वजह से इसे "पूर्व का पेरिस" एवं "लघु पेरिस" ( मिकुल पेरिस) जैसे नाम भी दिये गये हैं। यद्यपि इसके बहुत से ऐतिहासिक भवन विश्वयुद्ध, भूकंप इत्यादि में स्वाहा हो चुके हैं लेकिन अब भी कई शानदार ईमारतें अपना सिर ऊंचा किए खडी हैं। हाल के वर्षों में इस शहर ने काफी सांस्कृतिक एवं आर्थिक तरक्की की है। विस्तार में...
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बन्धु प्रकल्प एवं अन्य भाषाओं में
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